RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

LG के आदेश पर दिल्ली पुलिस अब अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई में जुटी

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस अब अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस की टीमें सक्रिय हो गई हैं और इन घुसपैठियों को पहचानने और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने का काम शुरू कर दिया है। सभी जिलों की पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। क्राइम ब्रांच की टीम भी इस अभियान में शामिल होगी। पुलिस ने यह भी कहा है कि फर्जी पहचान पत्र बनाने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

एलजी ने क्यों दिए निर्देश?
मंगलवार को दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) सचिवालय ने मुख्य सचिव और पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की जाए और उन्हें दो महीने के भीतर दिल्ली से बाहर निकाला जाए। यह कदम उस समय उठाया गया, जब शनिवार को हजरत निजामुद्दीन में मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात कर बांग्लादेश में हिंदू और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के बारे में चिंता जताई थी। प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद एलजी ने इस मामले पर सख्त कदम उठाने का आदेश दिया।

घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कदम
वहीं, प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि इन घुसपैठियों को किराए पर मकान नहीं मिलना चाहिए, और जो पहले से मकान में रह रहे हैं, उन्हें बाहर किया जाना चाहिए। घुसपैठियों को किसी भी सरकारी दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड या वोटर कार्ड बनाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, और ऐसे दस्तावेज़ों को तत्काल रद्द किया जाना चाहिए। इसके अलावा, सड़कों, पार्कों, फुटपाथों और सरकारी जमीनों पर किए गए अतिक्रमण को भी हटाने की मांग की गई थी। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि यदि किसी मस्जिद या मदरसे ने घुसपैठियों को शरण दी है, तो उन्हें बाहर किया जाए। इस पर उपराज्यपाल सचिवालय ने मुख्य सचिव से साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

चुनाव से पहले घुसपैठियों का मुद्दा
यह आदेश दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आया है, जिस कारण राजनीति में हलचल मच सकती है। पहले भी भाजपा ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर आरोप लगाया था कि वह अवैध घुसपैठियों को वोटर के रूप में शामिल कर रही है। इस मुद्दे के राजनीतिक तूल पकड़ने की संभावना है, खासकर जब आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है, जबकि बीजेपी 25 साल बाद दिल्ली में सत्ता पाने के लिए संघर्ष कर रही है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13028/ 149

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button