RO.No. 13047/ 78
जिलेवार ख़बरें

सिंगल मदर किरण गुप्ता के जीवन में महतारी वंदन योजना लाई सकारात्मक बदलाव

सहायता राशि से शुरू किया अपना व्यवसाय, अब हो रही है दोगुनी कमाई, लोगों को भी खूब भा रहे उनके हाथों के बने आचार

अम्बिकापुर

सहायता राशि से शुरू किया अपना व्यवसाय, अब हो रही है दोगुनी कमाई, लोगों को भी खूब भा रहे उनके हाथों के बने आचारमुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई महतारी वंदन योजना ने महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। ऐसी ही एक कहानी अम्बिकापुर के किरण गुप्ता की है, जिन्होंने महतारी वंदन योजना के द्वारा मिलने वाली सहायता राशि का उपयोग कर आचार का छोटा सा व्यवसाय शुरू किया। किरण बताती हैं कि वो अपनी बेटी के साथ अम्बिकापुर में रह रहीं हैं, जब बेटी लगभग दो वर्ष की थी तभी से वो सिंगल मदर के रुप में सिलाई-कढ़ाई के साथ दूसरे के किराने के दुकान में काम कर होने वाली थोड़ी बहुत आय से उसकी परवरिश कर रही हैं।

बेटी आज कॉलेज में है, अब उन्हें आगे की पढ़ाई की चिंता होने लगी थी। उन्होंने बताया कि मुझे आचार बनाने का बहुत शौक था, तब मेरी बहन ने आचार का ही व्यवसाय शुरू करने की सलाह दी। परन्तु आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि कुछ नया सोचने की हिम्मत नहीं हुई। किरण कहतीं हैं कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई महतारी वंदन योजना ने उनकी जिंदगी बदल दी है। महतारी वंदन योजना से मिली राशि को जोड़कर किरण ने “होम मेड पिकल“ यानी घर में बने आचार बनाकर बेचना शुरू किया। अब किरण अम्बिकापुर के मुख्य चौक-चौराहे पर स्टॉल लगाकर अलग-अलग तरह के आचार बेचतीं हैं। लोगों को उनके हाथ के बने आचार खूब भा भी रहें हैं, पहले उन्हें अन्य कार्यों से  महज 5-6 हजार रुपये मिलते थे, लेकिन अब खुद का व्यवसाय शुरू करके दोगुनी आमदनी मिल रही हैं। किरण की बेटी भी उनके इस सफर में उनका साथ देती हैं। किरण ने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का दिल से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महतारी वंदन योजना हम महिलाओं के लिए एक मजबूत सहारा साबित हुई है। आज महतारी वंदन योजना के बदौलत उनका खुद का व्यवसाय शुरू हुआ है और वह आत्मनिर्भर बन रहीं हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button