RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

गांधी परिवार के पास रखे पंडित नेहरू के पत्र लौटाएं, राहुल को PM म्यूजियमने भेजा लेटर

नई दिल्ली

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पत्र लौटाने के लिए सांसद राहुल गांधी को पत्र लिखा गया है। यह पत्र PMML यानी प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय की ओर से लिखा गया है। हालांकि, अब तक इसे लेकर कांग्रेस की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। खबर है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास इन पत्रों को करीब 16 साल पहले पहुंचाया गया था।

10 दिसंबर को PMML के सदस्य रिजवान कादरी की ओर से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को पत्र भेजा गया है। इसमें उनसे अपील की गई है कि सोनिया गांधी की तरफ से वापस बुलाए गए ओरिजिनल लेटर लौटाएं या उनकी फोटोकॉपी या डिजिटल कॉपी दाखिल करें। खास बात है कि सितंबर में भी सोनिया गांधी से पत्र लौटाने का अनुरोध किया गया था।

साल 1971 में इन पत्रों को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (अब PMML) में जमा कराए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर साल 2008 में 51 बॉक्स में ये लेटर वापस सोनिया गांधी को भेज दिए गए थे। खास बात है कि तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली UPA सरकार थी।
पंडित नेहरू के पत्र

इन पत्रों में नेहरू समेत इतिहास के कई बड़े नामों के बीच संवाद हैं। इनमें एडविना माउंटबेटन, एल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजयलक्ष्मी पंडित, अरुणा आसिफ, बाबू जगजीवन राम, गोविंद वल्लभ पंत समेत कई लोग शामिल हैं।

PMML की तरफ से भेजे गए पत्र में कहा गया है, 'हम समझते हैं कि ये पत्र नेहरू परिवार के लिए निजी महत्व रख सकते हैं। हालांकि, PMML का मानना है कि ऐतिहासिक सामग्री तक… आसान पहुंच बनाना स्कॉलर्स और रिसर्चर्स की काफी मदद कर सकता है।'

रिजवान कादरी ने चिट्ठी में क्या लिखा?

कादरी ने अपनी चिट्टी में आगे लिखा है,  2008 में तत्कालीन यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी के अनुरोध पर इन दस्तावेजों का एक संग्रह पीएमएमएल से वापस ले लिया गया था। हम समझते हैं कि ये दस्तावेज 'नेहरू परिवार' के लिए व्यक्तिगत महत्व रखते होंगे। मगर पीएमएमएल का मानना है कि ये ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज हैं और इन तक पहुंच आवश्यक है।

सोनिया गांधी से भी की थी लेटर लौटाने की मांग

कादरी ने  बातचीत में बताया कि सितंबर 2024 में भी मैंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि 2008 में नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय से वापस लिए गए 51 डिब्बों को लौटा दिए जाएं या हमें उन्हें देखने और स्कैन करने की अनुमति दी जाए या फिर उनकी एक प्रति हमें प्रदान की जाए ताकि हम उनका अध्ययन कर सकें। इस पर अब तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। तो मैंने विपक्ष के नेता और उनके बेटे राहुल गांधी से उन्हें वापस लाने में हमारी मदद करने का अनुरोध किया। हमें उम्मीद है कि विपक्ष के नेता के रूप में वे इस पर गौर करेंगे और इसे शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध कराएंगे।"

नेहरू ने किसके नाम लिखी थी चिट्ठी

बता दें कि नेहरू ने ये चिट्टी अपने शासनकाल में जयप्रकाश नारायण, बाबू जगजीवन राम, एडविना माउंटबेट, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ और गोविंद बल्लभ समेत अन्य भारतीय इतिहास से संबंधित लोगों के कई महत्वपूर्ण पत्र वहां थे। रिजवान कादरी ने बताया कि ये लेटर जवाहरलाल नेहरु मेमोरियल ने 1971 में नेहरु मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी (अब पीएमएमएल) को दिए थे। बता दें कि15 जून, 2023 नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी सोसाइटी’ रखने का फैसला किया गया था।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button