RO.No. 13073/99
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

हिन्दुत्व के विकास मॉडल पर अग्रसर मोहन सरकार

-अनुज प्रताप सिंह

भाजपा संगठन के कुशल सिपाही प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल का पहला वर्ष पूर्ण हो गया है। मोहन के मन में मोदी ही मोदी  की लाइन पर चलते मोहन यादव मध्य प्रदेश के लिए पारस बनकर उभरे हैं। हिन्दुत्व एवं सनातन के नए चेहरे के रुप में मोहन सरकार स्थायित्व की ओर बढ़ रही है। तमाम अशंकाओं को नकारते हुए डॉ. मोहन यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा आलाकमान की अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं। मोदी के मन में मध्यप्रदेश और मोहन के मन में मोदी की परिकल्पना डबल इंजन की मोहन सरकार के चेहरे पर साफ झलकती है। शुरुआत में यह कहा जा रहा था कि तमाम दिग्गजों के मोहन कैबिनेट में होने से मुख्यमंत्री मोहन यादव को परेशानी होगी परंतु मुख्यमंत्री ने सभी के साथ बेहतर तालमेल बिठाते हुए, सरकार का सफल संचालन कर दिखाया। केंद्रीय भाजपा संगठन से लेकर प्रदेश संगठन के साथ भी उनका बेहतर समन्वय रहा, जो उनकी असली ताकत बना। मुख्यमंत्री तमाम आयोजनों में प्रदेश भाजपा कार्यालय जाते रहते हैं।

प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा एवं संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा तथा विधानसभ अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के साथ उनका बेहतर समन्वय रहा है। तमाम सरकारी ताम-झाम से दूर मुख्यमंत्री मोहन यादव सहज और सरलता से एक आम आदमी की तरह चलना पसंद करते हैं। उनकी साधारण मानवी की शैली ने सभी का ध्यान आर्कर्षित किया। जमीन से जुड़ कर राजनीति करने वाले डॉ. मोहन यादव ने सरकार चलाकर यह साबित कर दिया की यदि आपके इरादे सच्चे और मजबूत हैं तो आप बड़ी से बड़ी बाधा को पार कर सकते हैं। सरकार के कार्यकाल के शुरुआत में उनकी शैली से कभी-कभी ऐसा भी लगा की मुख्यमंत्री अकेले ही सरकार की गाड़ी खींच रहे हैं, परंतु समय के साथ मुख्यमंत्री के रुप में वे परिपक्व होते चले गए और आज उनकी स्वीकार्यता सभी के सामने है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के एक वर्ष के कार्यकाल की सबसे बड़ी खूबी यह रही है कि उन्होंने अपने हर भाषणा में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र अवश्य किया है। आने वाले समय में यह भी एक रिकार्ड बनेगा कि मुख्यमंत्री के रुप में सबसे अधिक बार अपने भाषणों में प्रधानमंत्री का जिक्र करने वाले मुख्यमंत्रियों में उनका नाम पहले नंबर पर होगा। मुख्यमंत्री की यह खूबी रही है कि वे प्रधानमंत्री की उपलब्धियों को गिनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। वे हमेशा डबल इंजन की भांति ही सरकार चला रहे हैं, यह संदेश अवश्य देते हैं। एैसा कोई कार्यक्रम नहीं होगा जब मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम का उल्लेख ना किया हो और उनका अभिनंदन जनता से तालियां बजबाकर ना किया हो। उनका यह भाव बताता है कि वे अपने उच्च नेत्तृव के पद चिन्हो पर चल रहे हैं । उनकी सौम्यता और सहजता और अति साधारण शैली उन्हे अन्य नेताओ से अलग बनाती है।

    13 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही डॉ. मोहन यादव ने पहला आदेश जारी कर मस्जिद एवं अन्य धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर की तेज आवाज पर अंकुश लगा दिया था, इसके तहत अगर निर्धारित डेसिबल से अधिक आवाज में लाउडस्पीकर बजाया गया तो इस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस कदम को चौतरफा सराहा गया और देशभर में इसकी चर्चा हुई। इसके साथ ही उन्होंने खुल में मास-मच्छी की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया। कार्यकाल की शुरुआती अंदाज में मुख्यमंत्री ने जनता का मन मौह लिया। मुख्यमंत्री यादव अपनी कार्यशैली को लेकर लगातर चर्चा में रहे, उन्होंने ने कैबिनेट की बैठक को लेकर भी नवाचार किया और नव वर्ष 2024 की पहली बैठक जबलपुर में रखी गई थी। इसके बाद प्रदेश के बजट में भी उनकी सरकार ने परिपक्वता दिखाई, 3 लाख 65 हजार करोड़ का बजट पेश किया गया जो की अब तक का सबसे अधिक है। जन्माष्टमी, गोवर्धन पूजा को संस्कृति से जोड़कर सरकारी स्तर पर मनाने, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और गाय पालने वालों और गोशला में गाय चारे की राशि में बढ़ोतरी कर मुख्यमंत्री मोहन यादव हिन्दुत्व की लाइन पर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मझे हुए खिलाड़ी के नाते ना केवल विधानसभा के अंदर अपने दल एवं सरकार का नेत्तृव किया बल्कि सभी मुद्दों पर धारा प्रवाह बोलते हुए सबके सामने रखा।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मामले में यह कहा जाता था तथा ऐसा लगता भी था कि उनसे अच्छी सरकार कोई चला नहीं सकता, अब आगे क्या होगा। भाजपा के अंदर भी यह प्रश्न उठता था कि तमाम दिगगजों से सजी नई सरकार का नेत्तृव मोहन यादव कैसे करेंगे? शिवराज सिंह चौहान जैसी भाषण शैली का अभाव भी सामने था परंतु तमाम बातों को धीरे-धीरे मुख्यमंत्री ने समाधान कर दिया और एक साल सरकार का पूरा कर अपनी स्वीकार्यता को सिद्ध कर दिया। चाहे बात प्रशासनिक दक्षता की हो या राजनैतिक हो सभी मोर्चों पर मुख्यमंत्री ने अपनी पकड़ साबित कर दी है। मुख्यमंत्री प्रतिदिन सक्रिय रहते हैं, प्रदेश भर में वे निरंतर दौरे करते हैं, प्रतिदिन वे कार्यक्रमों और शासकीय बैठकों में शामिल होकर जनकल्याण के कार्यों को अंजाम देते नजर आते हैं। अपने पिता के देहांत के बाद भी उन्होंने राजधर्म को प्राथमिकता दी थी।

    भाषण शैली के मामले में भी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री की कमी खलने नहीं दी है, हर विषय पर उनकी पकड़ उनकी भाषणों में दिखाई पड़ती है। भोपाल के नूतन कॉलेज में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का वह भाषण जिसमें उन्होंने इतिहास पर धारा प्रवाह बोलते हुए सबको हैरत में डाल दिया था, वहां जिन लोगों को लगता था कि मोहन यादव में शिवराज जैसी बात नहीं वो भी कहने लगे वाह! मान गए मोहन जी को, भाजपा के तमाम मंत्री एवं विधायक इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का भाषण सुन एक-दूसरे का मुंह देखते नजर आए थे।  इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री यादव ने धर्म के आधार पर हुआ देश के विभाजन को भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय बताया था।

    लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 29 सीटों पर चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री यादव ने अपनी राजनैतिक कौशल का परिचय भाजपा नेत्तृव को दिखाया और सिद्ध किया की वे उनके निर्णय पर फिट बैठते हैं। मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी के लिए मेहनत कर विरोधियों को भी चारों खाने चित कर दिया। जो यह सोच रहे थे कि 6 महीने के बाद प्रदेश में नेत्तृव परिवर्तन करा लेंगे, लोकसभा चुनाव की सफलता और कुशल प्रबंधन से सरकार संचालित कर तमाम पक्ष-विपक्ष के विरोधियों को मुख्यमंत्री ने चुप करा दिया । विधायकों के साथ भी मुख्यमंत्री ने बेहतर तालमेल रखा है तथा वे निरंतर विधायकों को मिलने का समय देते हैं। विधायकों को उनके क्षेत्र में 100-100 करोड़ के काम कराने का प्लान भी मोहन सरकार ने बनाया है।

    मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने कार्यकाल की शुरुआत करते हुए दो सबसे महत्वपूर्ण कदन उठाए एक तो पार्टी एवं आरएसएस की मूल विचारधारा हिन्दुत्व को अपने हाथ में लिया और लकीर को लंबा किया, दूसरा उन्होंने औद्योगीकरण निवेश की तरफ फोकस किया, जिससे प्रदेश का विकास, युवाओं का भविष्य और बेरोजगारी का निदान तथा प्रदेश का आर्थिक विकास जुड़ा हुआ है। पिछले एक वर्ष में रामवन पथगम निर्माण को प्राथमिकता, भगवान कृष्ण की लीलाओं से जुड़े स्थानों को मिलाकर कृष्ण पाथेय के निर्माण का निर्णय, गीता जयंती मनाना, गीता भवनों के निर्माण एवं संस्कृतिक धरोहर को बचाने तथा धर्म के प्रचार प्रसार पर मोहन सरकार ने जोर दिया है। प्रदेश की फिजा बिगाडने वालों को सख्त संदेश देते हुए मंख्यमंत्री यादव ने छतरपुर में बुलडोजर चलवा कर यह बता दिया कि वे भी उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी की भांति बुलडोजर के हिमायती हैं और प्रदेश की शांति को किसी भी कीमत पर बिगड़ने नहीं देंगे। औद्योगीकरण निवेश की तरफ फोकस करते हुए मुख्यमंत्री यादव ने शुरुआत से ही विभिन्न अंचलों तथा प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों एवं विदेश में उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश के प्रति आर्कर्षित करने के लिए इंवेस्टर्स समिट से लेकर रोड़ शो किए जिससे करोड़ों के एमओयू साइन हुए हैं, जिनके सुखद परिणाम आने वाले वर्षों में दिखाई देगें।

    एक वर्ष के कार्यकाल में अनेकों उपलब्धियों को मोहन सरकार ने अपने नाम किया है। आम मानवी के प्रति अपनी संदेनशीलता को प्रकट करते हुए संवेदनशील मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आते ही वर्षों-वर्ष से अपने हक के लिए परेशान इंदौर की हुकुमचंद्र मजदूर मिल के सैकड़ों मजदूरों को भुगतान के लिए 464 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की। इसी तर्ज पर ग्वालियर के जेसी मिल के मजदूरों की ढाई दशक से लंबित देनदारियों का भुगतान करने का निर्णय सरकार ने लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीजनल इंडस्ट्री समिट का नवाचार किया, जिसके तहत सरकार की ओर से उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा और नर्मदापुरम में उद्योग एवं निवेश को बढ़ावा देने के लिए रीजनल इंडस्ट्री समिट (इंवेस्टर्स समिट) आयोजित की गई हैं। जिसमें कई हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव नामी-गिरामी उद्योगपतियों से आए हैं। प्रदेश के बाहर मुंबई, कोयंबटूबर, बैंगलुरु और कोलकाता में रोड शो के माध्यम से मुख्यमंत्री उद्योगपतियों और निवेशकों को आकर्षित किया। यहां से सरकार को करीब एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। वहीं मुख्यमंत्री ने तेज कदम बढ़ते हुए विदेशी निवेशकों को यूके और जर्मनी की यात्रा कर आमंत्रित किया और ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ का अनूठा उदाहरण पेश करते हुए जर्मनी के निवेशक को वहीं से भोपाल में जमीन आवंटित कर दी। यूके और जर्मनी की यात्रा के दौरान उन्होंने 78,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए, जो अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

    मोहन सरकार ने एक वर्ष के दौरान सभी क्षेत्रों मंे काम किया है। महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना को जारी रखते हुए निरंतर पात्र महिलाओं को हर माह 1250 रु. की राशि उनके बैंक खातों में दी जा रही है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया गया है। मोहन सरकार ने किसानों के लिए श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू की, इस योजना के अंतर्गत श्रीअन्न – कोदो-कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा आदि के उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपये दिए जा रहे। तेंदूपत्ता संग्रहण दर चार हजार रुपये प्रति बोरा कर दी गई है। सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध कराने की योजना को जारी रखा गया है। म.प्र. और राजस्थान के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो 75,000 करोड़ रुपए की परियोजना पर आगे बढ़ते हुए मुख्यमंत्री यादव ने सफलता पाई। इससे प्रदेश के 11 जिलों के किसानों एवं आम नागरिकों (40 लाख लोग लगभग) को फायदा होगा। केन-बेतवा नदी परियोजना से बुंदेलखण्ड के इलाके को बड़ा फायदा होगा, यह मोहन सरकार बहुत बड़ी उपलब्धियों में से एक होगी। सरकार एक लाख किसानों को सोलर पम्प भी देने जा रही है। जनकल्याण और सुशासन के मंत्र के तहत प्रदेश में राजस्व महाअभियान चलाया गया जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व से जुड़े 80 लाख से अधिक प्रकरणों का निपटारा किया गया।

    मोहन यादव सरकार ने आखरी छोर पर खड़े व्यक्ति का लाभ पहंुचाने एवं आम लोगों की सुविधा के मद्देनजर प्रदेश के सभी तहसीलों में साइबर तहसील खोलने का निर्णय लिया गया। संपत्ति के क्रय-विक्रय की प्रक्रिया को सरल व सुगम बनाने की दिशा में संपत्ति के ई-पंजीयन एवं ई-स्टेम्पिंग की नवीन तकनीक ‘संपदा 2’ प्रारंभ की गई जिसके तहत घर बैठे रजिस्ट्री कराई जा सकती है तथा फर्जीवाड़े पर भी लगाम लगेगी। जिलों की सीमायें नए सिरे से तय करने के लिए आयोग का गठन किया गया। मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने और वाणिज्यिक और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर को मेट्रोपॉलिटन सिटी के रुप में विकसित किया जाने का निर्णय कभी उल्लेखनिये है।

    उच्चशिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने अनकों कदम उठाए हैं। 570 शासकीय महाविद्यालयों में से हर जिले में कॉलेज को ‘पीएम कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस’ के रूप में उन्नत किया गया है। उल्लेखनिये है कि उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया था। पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस तक सरकार छात्रों को 1 रु. में पहुंचाने के लिए एक्सीलेंस विद्यार्थी बस सेवा शुरू की गई है। खेती की पढ़ाई के लिए प्रदेश में बीएसी एग्रीकल्चर एवं डेयरी कोर्स प्रारंभ किया गया है। प्रदेश में तेजी से मेडिकल एवं आईआईटी कॉलेज खोले जा रहे हैं। विश्वविद्यालयों के कुलपति को ऋषि पंरपरा अनुसार अब मोहन सरकार में कुलगुरु के नाम से जाना जाता है। स्कूल शिक्षा के लिए इस बार सरकार ने बजट में काफी वृद्धि की है। पूर्ववर्ती चिकित्सा शिक्षा तथा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का विलय कर दोनों विभागों को एक किया गया है। कानून व्यवस्था एवं प्रशासनिक व्यवस्थों के मद्देनजर मुख्यमंत्री यादव ने बड़े अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही कर कड़ा संदेश भी दिया है।

    पिछले एक वर्ष में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने राजनैतिक कद में भी बढ़ोतरी करने में भी सफल रहे हैं, उनकी पार्टी भाजपा ने उनका राष्ट्रीय स्तर पर स्टार प्रचारक के तौर पर उपयोग किया और सफलता भी पार्टी को मिली। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के साथ-साथ उ.प्र., बिहार, आंध्र प्रदेश, उडीसा जैसे राज्यों में प्रचार के लिए उनका उपयोग किया गया तो हाल ही में हरियाणा, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों में भी पार्टी के लिए मुख्यमंत्री ने प्रचार किया और अधिकांश स्थानों पर भाजपा को जीत मिली। इससे यह प्रमाणित भी होता है कि डॉ. मोहन यादव की स्वीकार्यता भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व तक बढ़ी है। साथ ही मोहन यादव भाजपा के लिए नए ओबीसी नेता के तौर पर उभरे हैं।

    मुख्यमंत्री मोहन यादव के एक वर्ष के कार्यकाल की शुरुआत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब शुरुआत ऐसी है तो आगे के 4 सालों में विकास की गति क्या होगी यह समझा जा सकता है। मुख्यमंत्री महाकाल की नगरी उज्जैन से आते हैं और आनेवाला सिंहस्थ-2028 उनकी प्राथमिकताओं में है। 2028 में ही विधानसभा के चुनाव होंगे। मुख्यमंत्री यादव की हिन्दुत्व के प्रति गहरी आस्था और धार्मिक पर्यटन में उनकी रुचि ने हिन्दुत्व को विकास और संस्कृति से जोड़ दिया है। वे मध्य प्रदेश को आने वाले वर्षों में विकास की नई गाथा लिखते हुए नई ऊचाइंयों पर ले जाना चाहते हैं, जो उनकी कार्यशैली में साफ झलकता है।

 

(मुख्यमंत्री हर भाषण लेते हैं प्रधानमंत्री मोदी का नाम !)

(मोहन यादव सरकार का एक वर्ष होने पर लेख)

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button