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रेणु जोगी ने कांग्रेस को पत्र लिखकर समान विचारधारा के आधार पर पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई है

रायपुर

 पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) का विलय कांग्रेस में हो सकता है। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेणु जोगी ने इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस दीपक बैज को लेटर लिखा है। रेणु जोगी और अमित जोगी के कांग्रेस में शामिल होने की खबरों की बीच सियासत एक बार फिर से गर्म हो गई है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सीनियर लीडर भूपेश बघेल ने कहा कि इस संबंध में प्रदेश का शीर्ष नेतृत्व और सेंट्रल नेतृत्व चर्चा करेगा। रेणु जोगी ने अपने लेटर में लिखा है कि दोनों पार्टियों की विचारधारा एक जैसी है। आइए जानते हैं आखिर राज्य के पहले सीएम अजीत जोगी की पार्टी का विलय कांग्रेस में क्यों हो सकता है।

क्या लिखा है रेणु जोगी ने अपने लेटर में

दीपक बैज को लिखे लेटर में रेणु जोगी ने लिखा- 'निवेदन है कि छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी द्वारा गठित छत्तीसगढ़ की एकमात्र मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल 'जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)' कांग्रेस विचारधारा की है। हमारी पार्टी की कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिथा है कि हमारी पार्टी का अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में विलय कर सभी पदाधिकारी गण एवं सदस्य छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस पार्टी में प्रवेश करना चाहते हैं। हमारा विनम्र अनुरोध स्वीकार कर हमें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रवेश कराने की कृपा करें।' इस लेटर में रेणु जोगी के साथ अमित जोगी के भी साइन हैं।

क्या कहा भूपेश बघेल ने?

रेणु जोगी के लेटर के बाद सियासत तेज हो गई है। विधानसभा में मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा- पार्टी गुण दोष के आधार पर विचार करेगी। उन्होंने आयोजन दिया है। उनके प्रवेश को लेकर साथियों के विचार हैं इसे लेकर स्टेट और सेंट्रल लीडरशिप को बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरे इस संबंध में क्या विचार हैं मैं इसे पार्टी को बता दूंगा।

किस कारण से विलय का लिया फैसला

अजीत जोगी का निधन 29 मई 2020 को हुआ। अजीत जोगी के निधन के चार साल बाद उनकी पत्नी ने कांग्रेस में वापसी का फैसला किया है। रेणु जोगी कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीत चुकी हैं। आइए जानते हैं कांग्रेस में विलय के क्या कारण हैं?

पार्टी में कम होता अस्तित्व

अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ की सियासत में जमीनी पकड़ थी। अजीत जोगी के निधन के बाद पार्टी के अस्तित्व पर लगातार सवाल उठते रहे। 2023 के विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस को सभी विधानसभा सीटों पर उतारने के लिए उम्मीदवार नहीं मिले। खुद अमित जोगी और रेणु जोगी भी चुनाव हार गईं। अमित जोगी भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन से चुनाव लड़े बड़ा नाम होने के बाद भी करीब 4200 वोट हासिल कर सके। 2023 के चुनाव में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली।

पार्टी में लगातार होती टूट

अजीत जोगी के निधन के बाद छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस में लगातार टूट होती रही। अमित जोगी और रेणु जोगी अपनी पार्टी के भरोसेमंद कार्यकर्ताओं को साथ नहीं रख पाए। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले धर्मजीत सिंह ने भी अमित जोगी का साथ छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गए।
बेटे को सेट करने की कोशिश में रेणु जोगी

अजीत जोगी के निधन के बाद पार्टी हासिए में चली गई। ऐसे में रेणु जोगी अपने बेटे अमित जोगी के राजनीतिक भविष्य को सेट करना चाहती हैं। जोगी परिवार कभी गांधी परिवार का खास हुआ करता था। कांग्रेस विचारधारा के कारण रेणु जोगी ने यह फैसला किया है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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