RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

बारिश से किसान परेशान, कटनी और उमरिया में खरीदी केंद्रों पर बारिश के पानी से धान भीगी

जबलपुर, कटनी, उमरिया
मध्य प्रदेश के महाकोशल और विंध्य क्षेत्र के कई इलाकों में आज बारिश की संभावना जताई गई हैं। इधर कुछ इलाकों में हो रही बारिश से किसान परेशान हैं। कटनी और उमरिया में खरीदी केंद्रों पर बारिश के पानी से धान भीग गई है। यहां इसकी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। बारिश से धान भीगने के बाद किसान परेशान हैं।

कटनी में सुबह से जारी है बारिश का दौर, धान हो गई गीली
कटनी जिले में शुक्रवार से मौसम बिगड़ा हुआ था। बादलों ने डेरा डाल रखा था और रात से हवाओं के बीच बूंदाबांदी हुई। सुबह से ही जिले में बारिश का दौर जारी है। दो घंटे से जारी बारिश में समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों में किसानों की परेशानी बढ़ गई है।

सुरक्षा के इंतजाम न होने से केंद्रों में धान गीली हो रही है। जिन किसानों की धान केंद्रों में खुले में रखी है, वे सुबह से ही अपना अनाज बचाने की जुगत में लगे हैं। वहीं धान का उठाव न होने से कई केंद्रों में ढेर लगा है और सरकारी धान को बचाने भी पर्याप्त तिरपाल की व्यवस्था केंद्रों में नही है। बहोरीबंद क्षेत्र के कूड़न खरीदी केंद्र में पानी भर गया। किसान परेशान यहां पर तिरपाल से धान के एक दो ढेर ही बचा पाए। यही स्थिति जिले के अन्य केंद्रों की भी है। वहीं बादलों के कारण तीन दिन से तापमान बढ़ गया था, बारिश होते ही ठंड भी बढ़ गई है।
 
नान एफएक्यू धान को अच्छी बताने भिगोनी की तैयारी
इधर जबलपुर जिले के डेढ़ सौ से ज्यादा वेयरहाउस और उपार्जन केंद्रों में इस समय बड़ी मात्रा में धान के ढेर और बोरे खुले में रखे हैं। इधर वर्षा की संभावना से इसके नुकसान की भी आशंका बढ़ गई है। इस बीच कई ऐसी सोसायटी और वेयरहाउस के प्रभारी हैं, जो खुले में पड़ी धान को बारिश में गीला करना चाह रहे हैं, ताकि गुणवत्ताहीन धान को गुणवत्ता वाली धान की श्रेणी में ला सकें। इसे देखते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा है कि ऐसे करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

बारिश को देखते हुए जारी किए निर्देश
मौसम विभाग ने जबलपुर जिले में शनिवार को वर्षा का अनुमान जताया है। इसे देखते हुए किसानों से कहा गया है कि वे इन दो दिनों के दौरान उपार्जन केंद्र में धान न लाएं। जिन किसानों का धान उपार्जन केंद्र पर रिजेक्शन होने, अपग्रेड करने या फिर तुलाई नहीं होने से पड़ा है, उसकी सुरक्षा करने के उपाए करें। सभी उपार्जन केंद्र प्रभारियों से कहा है कि वे खुले में रखे हुए धान को गोदाम के अंदर शिफ़्ट करने अथवा बारिश से सुरक्षा करें। इसके साथ ही कलेक्टर ने स्पष्ट कहा है कि लापरवाही के कारण धान भीगने अथवा ख़राब होने की घटना होती है तो यह माना जाएगा कि जानबूझकर कर नान एफएक्यू धान को खपाने के लिए यह लापरवाही की गई है। ऐसे में व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी।

20 हजार किसान से खरीदी एक लाख 80 हजार टन धान
दो दिसंबर से शुरू हुई खरीदी 20 जनवरी तक चलेगी। अब खरीदी के लिए महज 22 से 23 दिन ही शेष रह गए हैं, लेकिन अभी भी पंजीयन कराने वाले किसानों में से आधे की भी धान नहीं खरीदी गई है। जिले में करीब 56 हजार किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया, जिसमें से सिर्फ 20 हजार किसान ने ही शासन को धान बेचा है। करीब एक लाख 79 हजार 535 टन धान खरीदी है। अधिकांश धान अभी भी खुले में पड़ा है, जिससे किसान और प्रशासन, दोनों की चिंता बढ़ गई है। मिलर्स द्वारा अभी भी रफ्तार से खरीदी केंद्रों से धान नहीं उठाई जा रही है, जिससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button