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धार्मिक

मासिक शिवरात्रि का व्रत, जानें सही नियम

हिंदू धर्म शास्त्रों में मासिक शिवरात्रि पावन और बड़ी ही महत्वपूर्ण मानी गई है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विधान है. साथ ही इस दिन विधिपूर्वक भगवान भोलेनाथ का व्रत भी किया जााता है. मासिक शिवरात्रि का दिन बड़ा ही विशेष माना जाता है. इस दिन भगवान शिव का व्रत और शिव जी के परिवार की विधिपूर्वक पूजा से जीवन की तमाम बधाएं दूर हो जाती हैं.

पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि आज मनाई जा रही है. इसका व्रत भी आज ही है. इसके व्रत का पारण कल 3 0 दिसंबर को किया जाएगा. आज विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 7 मिनट से शुरू होगा. ये मुहूर्त 2 बजकर 48 मिनट तक है. इसके बाद गोधूलि मुहूर्त शाम 5 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा. ये मुहूर्त 5 बजकर 58 मिनट तक है. इस दिन रात में पूजा की जाती है. इस वजह से निशिता मुहूर्त में भगवान शिव का पूजन करें. निशिता मुहूर्त रात के 11 बजकर 56 मिनट से शुरू होगा. ये मुहूर्त रात 12 बजकर 51 मिनट तक है.

हिंदू धर्म शास्त्रों में इस दिन व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू धर्म शास्त्रों में मासिक शिवरात्रि के व्रत और इसके महत्व के साथ ही इसके पारण के नियम भी बताए गए हैं. आइए जानते हैं क्या है व्रत के पारण के नियम क्या है.

व्रत पारण के सही नियम
    व्रत पारण वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ वस्त्र पहन लेने चाहिए.
    इसके बाद शिव जी की पूजा करनी चाहिए. उन्हें बेलपत्र और गंगाजल चढ़ाना चाहिए.
    ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देनी चाहिए.
    पारण के भोजन में लहसुन-प्याज न डालें.
    व्रत पारण के समय तला भोजन खाने से बचें.
    व्रत खोलने के बाद सात्विक भोजन भोजन खाएं

मासिक शिवरात्रि के व्रत का महत्व
मासिक शिवरात्रि के व्रत के महत्व को शिव पुराण में बताया गया है. धार्मिक मान्यता है कि जो भी मासिक शिवरात्रि का व्रत करता है उसका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है. पति-पत्नी के बीच रिश्ते मजबूत होते हैं. मनचाहे वर के लिए भी कुंवारी कन्याओं की ओर से ये व्रत किया जाता है. मासिक शिवरात्रि वा व्रत करने वालों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और भगवान भोलेनाथ आशिर्वाद देते हैं.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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