RO.No. 13047/ 78
जिलेवार ख़बरें

छत्तीसगढ़-नवा रायपुर में बनेगा पहला फार्मास्युटिकल पार्क, एनआरडीए ने दी 142 एकड़ जमीन

रायपुर।

छत्तीसगढ़ में सेंट्रल इंडिया का नया फार्मास्युटिकल हब बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। फार्मास्युटिकल पार्क से नए अनुसंधान, विकास और अंतर्राष्ट्रीय निवेश में वृद्धि के लिये नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) की ओर से सेक्टर 22 ग्राम तूता में छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम को फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना के लिए 141.84 एकड़ भूमि आबंटित की गई है।

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के साथ ही फार्मास्युटिकल क्षेत्र को भी बढ़ावा दे रही है। राज्य में चिकित्सा क्षेत्र में प्रभावी इको सिस्टम तैयार करने की लगातार पहल की जा रही है। छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाना है तो स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ और जनोन्मुख बनाना जरूरी है। फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना इसी की एक कड़ी है। उन्होंने बताया कि नई औद्योगिक नीति में भी फार्मास्युटिकल क्षेत्र के उद्योगों को कई अनेक सुविधाएं और रियायतें दिए जाने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेश में वृद्धि होने के साथ ही फार्मास्युटिकल क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा एवं स्थानीय युवाओं को रोजगार प्राप्त होने के साथ ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। फार्मास्युटिकल पार्क की स्थापना से घरेलू एवं वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा उत्पादों की बढ़ती मांग को हम आसानी से पूराकर पाएँगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के माध्यम से राज्य के 77 लाख 20 हजार परिवारों को 5 लाख रूपए तक का निःशुल्क इलाज मिल रहा है जिसे आने वाले समय में 10 लाख रूपए तक किए जाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत विशेष स्थितियों में इलाज के लिए 25 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। वित्त मंत्री ओपी धरी ने बताया कि फार्मास्युटिकल पार्क में आयुष उत्पादों में विशेषज्ञता वाली फार्मास्युटिकल इकाइयों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह पार्क फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स और एक कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) सहित आधुनिक बुनियादी ढांचे से लैस होगा। अनुसंधान और विकास केंद्र और परीक्षण प्रयोगशाला जैसी आवश्यक सेवाएं भी इसमें शामिल रहेंगी। बता दें कि राज्य में फार्मास्युटिकल सेक्टर में वृहद उद्यम के लिये परियोजना में स्थायी पूंजी निवेश की मदों पर निवेश होने वाली राशि के 100 प्रतिशत तक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किए जाने का प्रावधान है। फार्मास्युटिकल इकाईयों को वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से लेकर 12 वर्ष तक भुगतान किये गए नेट एसजीएसटी अधिकतम स्थायी पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति किए जाने अथवा स्थायी पूंजी निवेश अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। 50 करोड़ से अधिक किन्तु 200 करोड़ रूपए से कम पूंजी निवेश पर अनुदान की अधिकतम राशि 60 करोड़ रूपए, 200 करोड़ से अधिक किन्तु 500 करोड़ रूपए से कम के पूंजी निवेश 150 करोड़ रूपए का अनुदार तथा 500 करोड़ रूपए से अधिक पूंजी निवेश अधिकतम 300 करोड़ रूपए का अनुदान दिए जाने का प्रावधान भी छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है। फार्मास्युटिकल ईकाईयों को 12 वर्ष तक विद्युत शुल्क में छुट, स्टाम्प शुल्क से छुट, पंजीयन शुल्क एवं नवीन विद्युत कनेक्शन पर देय शुल्क में 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति सहित अन्य कई रियायतें दिए जाने का प्रावधान छत्तीसगढ़ सरकार की नवीन औद्योगिक नीति में किया गया है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button