RO.NO. 13207/103
व्यापार जगत

भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में UPI ने एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया, 16.73 अरब के नए स्तर पर पहुंचा

नई दिल्ली
भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है। दिसंबर 2024 में UPI ने लेन-देन की संख्या और वैल्यू दोनों में नया रिकॉर्ड बनाया जिससे यह साबित होता है कि डिजिटल भुगतान प्रणाली लगातार लोकप्रिय हो रही है।

UPI लेन-देन में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी
दिसंबर 2024 में UPI के जरिए लेन-देन की संख्या 16.73 बिलियन (1.67 अरब) तक पहुंच गई जो अप्रैल 2016 में इसकी शुरुआत के बाद से सबसे ज्यादा है। इस दौरान UPI का लेन-देन वैल्यू भी 8 प्रतिशत बढ़कर 23.25 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया जबकि नवंबर 2024 में यह वैल्यू 21.55 ट्रिलियन रुपये थी। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 के दौरान UPI ट्रांजेक्शन की कुल संख्या 172 बिलियन (17.2 अरब) तक पहुंची जो 2023 के 118 बिलियन की तुलना में 46 प्रतिशत अधिक है।

दिसंबर 2024 में दैनिक लेन-देन में बढ़ोतरी
नवंबर की तुलना में दिसंबर 2024 में दैनिक लेन-देन की संख्या भी बढ़कर 540 मिलियन (54 करोड़) हो गई जो नवंबर में 516 मिलियन (51.6 करोड़) थी। इसके साथ ही दिसंबर में दैनिक लेन-देन की वैल्यू भी 74,990 करोड़ रुपये हो गई जो नवंबर के 71,840 करोड़ रुपये से अधिक है। दिसंबर 2023 से तुलना करने पर दिसंबर 2024 में UPI के लेन-देन की संख्या में 39 प्रतिशत और वैल्यू में 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। यह UPI की बढ़ती लोकप्रियता और उपयोगकर्ता आधार का संकेत है।

फास्टैग ट्रांजेक्शन में भी बढ़ोतरी
दिसंबर 2024 में न केवल UPI ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी हुई बल्कि फास्टैग ट्रांजेक्शन में भी सुधार देखा गया। फास्टैग ट्रांजेक्शन की संख्या 6 प्रतिशत बढ़कर 382 मिलियन (38.2 करोड़) हो गई जबकि नवंबर में यह संख्या 359 मिलियन (35.9 करोड़) थी। इसके अलावा फास्टैग ट्रांजेक्शन का वैल्यू भी 9 प्रतिशत बढ़कर 6,642 करोड़ रुपये हो गया। अगर दिसंबर 2023 से तुलना करें तो फास्टैग ट्रांजेक्शन की संख्या में 10 प्रतिशत और वैल्यू में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

आधार-बेस्ड लेन-देन में भी मामूली बढ़ोतरी
इसके अलावा आधार-बेस्ड लेन-देन में भी मामूली 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। नवंबर में जहां यह संख्या 92 मिलियन (9.2 करोड़) थी, वहीं दिसंबर में यह बढ़कर 93 मिलियन (9.3 करोड़) हो गई।

UPI की शुरुआत और विस्तार
यूपीआई की शुरुआत 2016 में भारत में की गई थी और अब यह देशभर में व्यापक रूप से इस्तेमाल हो रही है। वहीं UPI की सफलता ने इसे अन्य देशों में भी प्रवेश दिलवाया है। भारत के अलावा UPI अब फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, श्रीलंका, मॉरीशस, भूटान और नेपाल में भी स्वीकार किया जा रहा है।

बता दें कि UPI की बढ़ती लोकप्रियता और डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में इसकी बढ़ती उपस्थिति यह साबित करती है कि भारत डिजिटल ट्रांजेक्शन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। दिसंबर 2024 के आंकड़े यह संकेत देते हैं कि आने वाले समय में और भी अधिक लोग UPI का उपयोग करेंगे जिससे डिजिटल भुगतान प्रणाली का विस्तार होगा और यह पूरी दुनिया में भारतीय तकनीकी सफलता का प्रतीक बनेगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button