RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

नगालैंड करेगा संरक्षित क्षेत्र परमिट हटाने की केंद्र से मांग, पूर्वोत्तर में विदेशियों का आना होगा आसान!

कोहिमा।

नगालैंड सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य को संरक्षित क्षेत्र परमिट (पीएपी) के दायरे से बाहर करने के लिए केंद्र से अपील करने का फैसला किया है। राज्य के पर्यावरण मंत्री सीएल जॉन ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री के आवासीय परिसर में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से नगालैंड में पीएपी व्यवस्था को समाप्त करने का अनुरोध किया जाएगा।

संरक्षित क्षेत्र परमिट के तहत विदेशी नागरिकों को भारत के कुछ विशेष क्षेत्रों में यात्रा करने के लिए पीएपी हासिल करना होता है, जिसमें उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के कुछ इलाके भी शामिल हैं।

'गहन चर्चा के बाद लिया गया फैसला'
मंत्री जॉन ने कहा, 'कैबिनेट बैठक में पीएपी व्यवस्था पर गहन चर्चा की गई है। मंत्रिमंडल के सदस्यों ने देखा कि राज्य ने पिछले साल एक से 10 दिसंबर तक शांति से हॉर्नबिल महोत्सव मनाया था, जिसमें 2,000 से अधिक विदेशी मेहमानों ने भाग लिया। कैबिनेट ने फैसला लिया कि केंद्र से अपील की जाएगी कि नगालैंड से पीएपी व्यवस्था को हटाया जाए।'

ढाई हजार विदेशी आए थे पिछली साल
पिछले साल दिसंबर में आयोजित हॉर्नबिल महोत्सव के दौरान नगा धरोहर गांव किसामा में कुल 2,05,968 पर्यटक आए थे। इनमें 2,527 विदेशी शामिल थे, जो राज्य की राजधानी से लगभग 12 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।

2021 में की थी व्यवस्था समाप्त, फिर कर दी गई लागू
पीएपी व्यवस्था, जो 1960 के दशक से सुरक्षा कारणों और क्षेत्रीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए लागू की गई थी, दिसंबर 2021 में समाप्त कर दी गई थी। इससे विदेशी नागरिकों को नगालैंड और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में बिना परमिट के प्रवेश की अनुमति मिल गई थी। हालांकि, तीन साल बाद गृह मंत्रालय ने दिसंबर में नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम में फिर से पीएपी की व्यवस्था लागू कर दी।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button