RO.No. 13073/99
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

दही-चूड़ा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश राजनीतिक खेल की संभावनाओं को और कम करते हुए कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं

पटना
आम तौर पर मकर संक्रांति के बाद बिहार में कुछ नई राजनीतिक चीजें होती हैं। लेकिन इस दही-चूड़ा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी राजनीतिक खेल की संभावनाओं को और कम करते हुए अपने कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। अक्टूबर-नवंबर में निर्धारित विधानसभा चुनाव 2025 से पहले पटना के राजनीतिक गलियारों में मंत्रिमंडल विस्तार की आहट से हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से चार नेताओं को मंत्री का पद मिल सकता है, जबकि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के दो और नेता मंत्री बन सकते हैं। 28 जनवरी को 12 महीने पूरा करने जा रही नीतीश कुमार की नौवीं सरकार में इस समय 30 मंत्री हैं। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक 6 मंत्री और बनाए जा सकते हैं।

सूत्रों का कहना है कि दूसरे कैबिनेट विस्तार में नीतीश कुमार पटना, सारण और तिरहुत प्रमंडल के नेताओं को मंत्री बना सकते हैं। इन इलाकों से मंत्री बनाकर राजनीतिक संदेश देने की कोशिश होगी। विधानसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण भी दुरुस्त किया जाएगा। नीतीश सरकार में भाजपा के 15, जेडीयू के 13, हम के 1 और 1 निर्दलीय मंत्री हैं। 6 और मंत्री बन सकते हैं लेकिन यह पूरी तरह नीतीश पर निर्भर है कि वो किस दल से कितने या किसे मंत्री बनाएंगे। 10 मौजूदा मंत्रियों के पास एक से अधिक विभाग की जिम्मेदारी है।

चर्चा है कि नीतीश कुमार भाजपा की तरफ से संभावित मंत्रियों की लिस्ट का इंतजार कर रहे हैं जो खरमास के बाद उन्हें मिल सकती है। एक व्यक्ति, एक पद सिद्धांत के तहत प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल राजस्व और भूमि सुधार मंत्री के पद से इस्तीफा देकर संगठन का काम देखेंगे। भाजपा का सांगठनिक चुनाव चल रहा है। 18 जनवरी को जायसवाल प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए पर्चा भरेंगे और 19 को पटना में राज्य परिषद की बैठक में उनका औपचारिक निर्वाचन होगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button