RO.NO. 13129/116
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर आज से इस अधिनियम को प्रभावी करने की घोषणा की, 90 साल पुराना कानून होगा खत्म

नई दिल्ली
भारत सरकार द्वारा विमान निर्माण और डिजाइन को प्रोत्साहन देने और विमानन क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाने के लिए बनाए गए 'भारतीय वायुयान अधिनियम, 2024' आज से लागू हो गया है। यह अधिनियम 90 वर्ष पुराने 'विमान अधिनियम, 1934' का स्थान लेगा। सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर 1 जनवरी, 2025 से इस अधिनियम को प्रभावी करने की घोषणा की। संसद ने इसे पिछले साल दिसंबर महीने की शुरुआत में मंजूरी दी थी। इस कानून का उद्देश्य विमान डिजाइन, निर्माण, रखरखाव, स्वामित्व, उपयोग, संचालन, बिक्री, निर्यात और आयात के नियमन और नियंत्रण को सुनिश्चित करना है। साथ ही यह विमानन क्षेत्र में सुधार और पारदर्शिता लाने का प्रयास करता है।

नए कानून की प्रमुख विशेषताएं:
अधिनियम विमान निर्माण और डिजाइन में भारतीय कंपनियों को सशक्त बनाएगा।
यह पुराने कानून में मौजूद 21 बार संशोधन की गई जटिलताओं को दूर करेगा।
भारत के तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन बाजार को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने में सहायक होगा।

यह अधिनियम केंद्र सरकार को वायुयान निर्माण, डिजाइन, मेंटेनेंस, स्वामित्व, इस्तेमाल, परिचालन, बिक्री, निर्यात और आयात पर पूरा नियंत्रण प्रदान करता है। वायुयान से जुड़े अन्य मामलों में भी नियमन और नियंत्रण का अधिकार केंद्र सरकार का होगा। अधिनियम में विमान को खतरनाक तरीके से उड़ाने, विमान में हथियार या विस्फोटक ले जाने, हवाई अड्डों के पास कूड़ा-कचरा फैलाने या जानवरों का वध करने को अपराध माना गया है। इन अपराधों के लिए तीन साल तक की कैद, एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कानून न केवल भारत को विमानन उद्योग में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी एक मजबूत स्थिति प्रदान करेगा। 'भारतीय वायुवान अधिनियम, 2024' का लागू होना भारतीय विमानन क्षेत्र में सुधार और इनोवेशन का संकेत है। इससे देश में न केवल विमान निर्माण और डिजाइन के क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि रोजगार और तकनीकी उन्नति के लिए भी नए द्वार खुलेंगे।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13129/116

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button