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पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा- बहाली करने की मांग की है, नीतीश कुमार को पासवान विरोधी बताया

पटना
पटना के गर्दनीबाग में दलित सेना एवं बिहार राज्य दफादार व चैकीदार पंचायत संघ के संयुक्त तत्वाधान में विशाल धरना दिया जा रहा है. यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस (Pashupati Paras) भी धरना दे रहे हैं, जहां उन्होंने कहा कि दफादार व चौकीदार की सेवा में 99 फीसदी पासवान समाज के लोगों की ही बहाली होती रही है. अब पासवान समाज के लोगों को इस सेवा से वंचित कर दोनों पदों पर सामान्य बहाली बिहार सरकार करना चाह रही है जो अनुचित है.

नीतीश कुमार को पासवान विरोधी बताया
पशुपति पारस ने पहले ही तरह ही बहाली करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार को पासवान विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि चौकीदारों-दफादारों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ हम धरना दे रहे हैं. 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद दलित और महादलित में उन्होंने विभाजन कराया और पासवान जाति को इससे अलग कर दिया. सारा सुख सुविधा महादलितों को मिल रही है. अगर मेरी मांग नहीं सुनी गई तो पूरे बिहार में आंदोलन करेंगे और कोई भी बड़ा फैसला हम ले सकते हैं.

लालू प्रसाद के साथ जाने की है अटकलें
दरअसल बिहार में ये चुनावी साल है. पारस एनडीए में हैं, लेकिन अलग हो सकते हैं. वो भतीजे चिराग पासवा की वापसी के बाद से NDA में अलग थलग पड़ गए हैं. मौके व मुद्दे की तलाश में हैं. अब सवाल उठ रहा हैं कि क्या इसी मुद्दे पर आने वाले दिनों में दलितों को मैसेज देते हुए पशुपति पारस कोई बड़ा फैसला लेंगे? लालू के साथ जाने की अटकलें लग रही हैं. इसी बीच अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं. मकर संक्रांति पर पारस के आवास पर चूड़ा दही भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें लालू प्रसाद गए थे. उसके एक दिन के बाद पारस लालू से उनके आवास पर जाकर मिले थे. दोनों की अब तक तीन बार मुलाकात हो चुकी है.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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