केंद्रीय बजट 2025-26 में गृह मंत्रालय को 2.33 लाख करोड़ रुपये आवंटित, पुलिस बलों को होगा फायदा
नई दिल्ली
केंद्रीय बजट 2025-26 में शनिवार को गृह मंत्रालय को 2,33,210.68 करोड़ रुपये आवंटित किये गए, जिसमें से 1,60,391.06 करोड़ रुपये सीआरपीएफ, बीएसएफ और सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय पुलिस बलों को दिये जाएंगे। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(सीआईएसएफ) आंतरिक सुरक्षा, सीमा की रखवाली और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। केंद्रीय बजट 2024-25 में केंद्रीय गृह मंत्रालय को 2,19,643.31 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जम्मू कश्मीर को 41,000.07 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश बन गया। बजट में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह को 6,212.06 करोड़ रुपये, चंडीगढ़ को 6,187.48 करोड़ रुपये, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव को 2,780 करोड़ रुपये, लद्दाख को 4,692.15 करोड़ रुपये, लक्षद्वीप को 1,586.16 करोड़ रुपये तथा पुडुचेरी को 3,432.20 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
बजट में जनगणना से जुड़े काम के लिए मात्र 574.80 करोड़ रुपये (2024-25 में 572 करोड़ रुपये) आवंटित किए गए हैं, जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि इस कवायद में और देरी होगी। जनगणना 2020-21 में होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ को 35,147.17 करोड़ रुपये ,बीएसएफ को 28,231.27 करोड़ रुपये, सीआईएसएफ को 16,084.83 करोड़ रुपये, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को 10,370 करोड़ रुपये, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को 10,237.28 करोड़ रुपये और असम राइफल्स को 8,274.29 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। खुफिया ब्यूरो (आईबी) को 3,893.35 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ) को 1,922.59 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। सीमा अवसंरचना एवं प्रबंधन के लिए 5,597.25 करोड़ रुपये, पुलिस अवसंरचना के विकास के लिए 4,379.20 करोड़ रुपये, महिला सुरक्षा से संबंधित योजनाओं के लिए 960.12 करोड़ रुपये, सुरक्षा संबंधी व्यय के लिए 4,876.34 करोड़ रुपये और (सीमावर्ती क्षेत्रों में) ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' के लिए 1,056.40 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
बजट में मंत्रिमंडल को 1,024.30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसके अंतर्गत मंत्रिपरिषद, कैबिनेट सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), सरकार के आतिथ्य पर होने वाले व्यय आते हैं। वहीं, प्राकृतिक आपदाओं के कारण राहत सहित विभिन्न सामाजिक सेवा गतिविधियों के लिए 2,721.20 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। सुरक्षित शहर परियोजना के लिए 215.34 करोड़ रुपये, राज्य सरकारों को अनुदान सहायता 3,494.39 करोड़ रुपये, केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को अनुदान सहायता 1,515.02 करोड़ रुपये तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 810.00 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।