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CM हेमंत ने रांची-बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में एग्रोटेक किसान मेला 2025 का किया शुभारंभ

रांची

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बीते शनिवार को रांची परिसर में आयोजित तीन दिवसीय 'एग्रोटेक किसान मेला-2025 का उद्घाटन किया। इस दौरान सीएम हेमंत ने कहा कि खेती-किसानी और कृषि अपने आप में एक बहुत बड़ा क्षेत्र है। झारखंड जैसे राज्य के लिए एग्रीकल्चर एक महत्वपूर्ण विषय है। झारखंड की 80त्न आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, ये लोग खेती-बाड़ी के माध्यम से ही अपना जीवन यापन करते हैं। वर्तमान समय में कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक की बड़ी भूमिका है। सीएम ने कहा कि राज्य में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के स्थापित हुए लगभग 45 वर्ष हो चुके हैं। यह विश्वविद्यालय राज्य में किसानों के उत्थान के लिए अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। इस संस्थान द्वारा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को कृषि विज्ञान के क्षेत्र में काबिल बनाया जा रहा है।

"राज्य में खेती योग्य भूमि को बढ़ाने की दिशा में कार्य करने की जरूरत"
सीएम ने कहा कि बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त कर कई छात्र-छात्राओं ने देश और दुनिया में आज किसानों को बेहतर मार्गदर्शन दे रहे हैं। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चर, हॉट्रीकल्चर, फॉरेस्ट एवं रिसर्च के क्षेत्र में समावेशी शिक्षा प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड पठारी क्षेत्र में बसा हुआ राज्य है। वैसे तो प्रत्येक राज्य में खेती-बाड़ी के अलग-अलग पैमाने होते हैं, कहीं सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता है तो कहीं व्यवस्थाओं के बल पर सिंचाई कार्य के लिए पानी पहुंचाया जा रहा है। किसान वर्ग को अन्नदाता कहा जाता है। उन्होंने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को अपग्रेड करने की दिशा में कई गतिविधियां की जा रही है, किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए अभी और कार्य करने बाकी हैं। बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी एवं राज्य सरकार एक बेहतर समन्वय बनाते हुए किसानों को बेहतर दिशा देने का कार्य करेगी।

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय में परंपरागत व्यवस्थाओं के साथ-साथ कृषि-खेती कार्य को आधुनिक तकनीक से भी जोड़ने की आवश्यकता है। कभी-कभी बदलते मौसम के कारण किसान वर्ग के लोग हतोत्साहित होते जाते हैं, तकनीक के माध्यम से ही उन्हें इन समस्याओं से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित के लिए कई योजनाओं को संचालित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं खेती-कृषि परिवार से ही आता हूं। पहले हमारे गांव में गन्ने की खेती होती थी, हम लोगों ने खेतों में उगाए गए गन्ने से गुड़ बनते हुए देखा है, लेकिन अब गन्ने की खेती नहीं के बराबर हो रही है इसके कई कारण हो सकते हैं। बहुत किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने खेतों पर से कृषि करना छोड़ दिया है। हमारे राज्य में खेती करने योग्य जमीन की कमी है, राज्य में खेती योग्य भूमि को बढ़ाने की दिशा में कार्य करने की जरूरत है।

"राज्य सरकार लिफ्ट इरीगेशन की दिशा में आगे बढ़ रही है"
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अब कई जगहों पर पाइप लाइन के जरिए खेतों तक पानी पहुंचाने का कार्य कर रही है। राज्य सरकार लिफ्ट इरीगेशन की दिशा में आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य में कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक विकास के लिए बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी एवं राज्य सरकार को साथ चलकर कार्य करने की जरूरत है। कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एक बेहतर और मजबूत कार्य योजना बनाई जाएगी। किसान वर्ग के लोग अधिक से अधिक पैदावार कर सकें और उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराया जा सके ऐसी व्यवस्था बनाने की जरूरत है, इन सभी चीजों पर विचार-विमर्श करते हुए एक बेहतर पॉलिसी बनाने को लेकर राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।

बता दें कि तीन दिवसीय एग्रोटेक किसान मेला 10 फरवरी तक चलेगा। 10 फरवरी तक चलने वाले इमेला का थीम कृषि उत्पादकता, सुरक्षित खाद्य एवं पर्यावरण संरक्षण है। एग्रोटेक किसान मेले में लगभग 120 स्टॉल लगाये गये हैं। इन स्टॉलों पर विवि के विभिन्न विभाग, संकाय, 11 कॉलेज, तीन क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, 24 कृषि विज्ञान केंद्र के अलावा झारखंड में कार्यरत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के शोध संस्थान, कृषि से संबंधित विभाग, बीज, कृषि यंत्र एवं उर्वरकों के निर्माता एवं विक्रेता, बैंक एवं वित्तीय संस्थान तथा स्वयंसेवी संगठन अपनी तकनीक, सेवाएं एवं उत्पाद प्रदर्शित करेंगे।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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