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साइबर ठगों ने पूरे परिवार को 5 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट, ₹1 करोड़ ऐंठे

नोएडा
उत्तर प्रदेश के नोएडा (Noida) में कुछ बदमाशों एक परिवार को पांच दिनों तक डिजिटल अरेस्ट किए रहा. एजेंसी के मुताबिक, पुलिस ने सोमवार को बताया कि एक परिवार को कुछ अज्ञात लोगों ने पांच दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रख कर एक करोड़ से ज्यादा की ठगी की. बातचीत के दौरान ठगी करने वाले आरोपियों ने खुद को सरकारी अफसर बताया और परिवार को अपनी बातों में फंसाते गए.

पुलिस कहा कि 'डिजिटल अरेस्ट' एक नया साइबर फ्रॉड है, जिसमें आरोपी खुद को CBI या सीमा शुल्क अधिकारियों जैसी कानून प्रवर्तन एजेंसी के अधिकारी बताते हैं और प्रतिबंधित दवाओं के नकली इंटरनेशनल पार्सल के नाम पर वीडियो कॉल करके लोगों को गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं.

'SIM कार्ड ब्लॉक करने की धमकी…'

पुलिस के मुताबिक, चंद्रभान पालीवाल नाम के शख्स से शिकायत मिली थी कि उन्हें 1 फरवरी को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया था. कॉल करने वाले ने उन्हें भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण से संपर्क करने के लिए कहा और उनके सिम कार्ड को ब्लॉक करने की धमकी दी.

पुलिस उपायुक्त (साइबर क्राइम) प्रीति यादव ने बताया कि कॉल करने वाले ने शिकायतकर्ता से बताया कि उनका मामला मुंबई की साइबर क्राइम ब्रांच के पास है और करीब 10 मिनट बाद भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी होने का दावा करने वाले एक शख्स ने मुंबई के कोलावा पुलिस स्टेशन से पालीवाल को 'वीडियो कॉल' किया.

पालीवाल ने बताया कि फर्जी पुलिस अधिकारी ने उन पर पैसे ऐंठने का आरोप लगाया और कहा कि उनके खिलाफ अलग-अलग जगहों पर 24 मामले दर्ज हैं. डीसीपी ने बताया कि फोन करने वाले ने यह भी कहा कि CBI मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है.

चंद्रभान पालीवाल ने पुलिस को बताया कि वीडियो कॉल आने के बाद उनकी पत्नी और बेटी को भी डिजिटली गिरफ्तार कर लिया गया. डीसीपी ने बताया कि कॉल करने वालों ने धमकी दी कि अगर उन्होंने रकम नहीं दी, तो उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

पुलिस उपायुक्त (साइबर क्राइम) प्रीति यादव ने बताया कि शिकायत करने वाले शख्स ने पांच दिन के अंदर आरोपियों को 1.10 करोड़ रुपये दिए. पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है.

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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