राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

प्रशांत किशोर के आरोपों वाला कागज PM तक पहुंचे या न पहुंचे? अश्विनी चौबे का बड़ा बयान

पटना
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पुराने नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने जन सुराज पार्टी (जेएसपी) के सूत्रधार प्रशांत किशोर को एक ऐसी चुनौती भरी सलाह दे दी है, जो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आरोपों की बौछार झेल रहे नेताओं के लिए मुसीबत बढ़ा भी सकती है। अश्विनी चौबे ने कहा है कि प्रशांत किशोर सिर्फ आरोप लगाकर बड़े राजनेता नहीं बन सकते। चौबे ने कहा है कि बात सिर्फ पेपर (अखबार) तक ही क्यों सीमित है, कागज को तो राज्यपाल, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक जाना चाहिए।

अश्विनी चौबे ने भाजपा के नेताओं पर लगे आरोपों को लेकर एक डिजिटल चैनल से बातचीत में कहा- “प्रशांत किशोर आरोप लगाकर बड़े राजनेता नहीं हो सकते। पेपर तक ही क्यों सीमित हैं। आप जाइए ना। कोर्ट है, राज्यपाल का दरवाजा है, राष्ट्रपति का दरवाजा है, प्रधानमंत्री का दरवाजा है। उनके पास क्यों नहीं जा रहे हैं आप। वो कागज वहां तक तो जाना चाहिए। जाइए, आपको कौन मना किया है।”

उन्होंने कहा कि भाजपा में गलत लोग और जो आयातित चेहरे हैं, वो सदा के लिए पार्टी की चाबी नहीं हैं। कुछ दिन के लिए भले गलत काम हो जाए किसी से, सदा के लिए नहीं। इन आरोपों पर पार्टी नेतृत्व के संज्ञान के सवाल पर चौबे ने कहा- “केंद्रीय नेतृत्व की निगाह हर चीज पर रहती है। बिहार में चुनाव हो रहा है तो एक-एक सूक्ष्म चीज पर नेतृत्व की पैनी निगाह है। वो सब कुछ देख रहे हैं, उनको सब कुछ मालूम है। जो सही होगा, अंत में वो आएगा।”

चौबे ने कहा कि जिन पर आरोप लगे हैं, उन्होंने सफाई दी है। उनकी सफाई या इनका आरोप, कौन सही है, ये न्यायालय तय कर सकता है, गवर्नर कर सकते हैं, जज कर सकते हैं, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कर सकते हैं। याद दिला दें कि प्रशांत किशोर ने भाजपा के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, मंत्री मंगल पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और सांसद संजय जायसवाल पर अलग-अलग तरह के आरोप लगाए हैं। चुनाव से पहले इन आरोपों ने पटना के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा रखा है।

अश्विनी चौबे ने भागलपुर से 2015 में विधानसभा चुनाव लड़े और हारे अपने बेटे अर्जित शाश्वत को टिकट देने का खुद ही विरोध करने की बात भी बताई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी कोर ग्रुप में तब के पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अर्जित को भागलपुर से लड़ाने की बात कही तो उन्होंने इसका विरोध किया और कहा कि इससे उनकी बदनामी होगी। चौबे ने बताया कि अमित शाह ने कहा कि अर्जित ने बिहार में सबसे ज्यादा मेंबरशिप की है और इसको चुनाव लड़ाया जाएगा, चाहे वो आपका बेटा ही क्यों ना हो। चौबे ने कहा कि उन्होंने तब सलाह दी कि भागलपुर अगर इतना महत्वपूर्ण है तो सुशील मोदी को लड़ा दीजिए।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button