भोपाल में 1 अप्रैल से ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ खुलेंगे, 10% से कम अल्कोहल ड्रिंक्स मिलेंगी

भोपाल-नई आबकारी नीति के तहत मध्य प्रदेश में पहली बार अगले वित्त वर्ष 1 अप्रैल से “लो अल्कोहलिक बेवरेज बार” खुलेंगे, जबकि 17 पवित्र शहरों सहित 19 जगहों पर शराब की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी. इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को दी.जानकारी के अनुसार इन नए बार में केवल बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ ही पीने की अनुमति होगी. जिसमें अधिकतम 10 प्रतिशत वी/वी (वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम) अल्कोहल होगा. ऐसे बार में स्प्रिट का सेवन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा.
मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से एक नई तरह के बार खुलेंगे, जहां कम अल्कोहल वाली ड्रिंक्स ही मिलेंगी. इन्हें ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ कहा जाएगा. इसके साथ ही, नई आबकारी नीति के तहत 19 जगहों पर शराब की बिक्री बंद हो जाएगी. इन 19 जगहों में 17 शहर धार्मिक महत्व के हैं. नए बार में केवल बीयर, वाइन और ‘रेडी-टू-ड्रिंक’ ड्रिंक्स ही मिलेंगे, जिनमें अल्कोहल की मात्रा 10 प्रतिशत से कम होगी. इन बार में शराब पर पूरी तरह से रोक रहेगी.वर्तमान में पूरे मध्य प्रदेश में 460 से 470 बार हैं और आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इन नए बार के खुलने से इसकी कुल संख्या में तेजी से इजाफा होगा।
सरकारी बयान में कहा गया है कि एक अप्रैल से धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री को प्रतिबंध किए जाने से शराब की कुल 47 दुकानें बंद हो जाएंगी।उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर समेत कुछ अन्य धार्मिक महत्व वाले शहरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 23 जनवरी को नयी आबकारी नीति को मंजूरी मिलने के बाद शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। इस पहल से राज्य सरकार को आबकारी राजस्व में करीब 450 करोड़ रुपए का नुकसान होगा.जहां दुकानें बंद होंगी, वहां शराब ले जाने और पीने पर प्रतिबंध लगाने के लिए बिहार मद्य निषेध अधिनियम 2016 जैसा कानून बनाने की आवश्यकता है।अधिकारियों ने बताया कि बिहार के अलावा गुजरात में भी शराबबंदी कानून लागू है, जबकि मध्य प्रदेश में सिर्फ आबकारी अधिनियम लागू है।सरकारी बयान में कहा गया है कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए नयी आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।बिहार और गुजरात में शराबबंदी कानून लागू है, जबकि मध्य प्रदेश में केवल आबकारी अधिनियम लागू है. नई आबकारी नीति के तहत शराब दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है.