RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने में रेलवे की अग्रणी भूमिका

भोपाल

 आस्था के महासागर प्रयाग तीर्थ के संगम तट पर चल रहे महाकुंभ के विराट आयोजन में ऐसे तो तमाम विभागों और एजेंसियों ने अपनी-अपनी भूमिकाओं का निर्वाह किया, लेकिन इसमें रेलवे की भूमिका निसंदेह अग्रणी है। इस विशाल आयोजन में रेलवे ने जिस तरह पूरे देश भर से तीर्थयात्रियों को प्रयाग की पुण्यभूमि तक पहुंचने में मदद की, वह न सिर्फ अभूतपूर्व है, बल्कि रेल संचालन की दृष्टि से कई मामलों में अनोखा रिकार्ड भी बना है। हालांकि महाकुंभ अब समापन की ओर है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक करीब डेढ़ माह के इस आयोजन में 12 से 15 करोड़ तीर्थयात्रियों ने ट्रेन यात्रा का लाभ कही ना कन्ही उठाया। दूसरे शब्दों में महाकुंभ के करीब एक चौथाई तीर्थयात्रियों ने प्रयागराज या  अग़ल बग़ल के प्रमुख शहरों तक पहुंचने में ट्रेनों की ही मदद ली।

इस बार प्रयागराज के महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के संकल्प को पूरा करने में रेलवे ने आगे बढ़कर भूमिका निभाई। यह बताने की जरूरत नहीं कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले अपने देश में रेलवे पर कितना दवाब है। ऐसे में महाकुंभ के आयोजन से बहुत पहले से ही रेलवे अपनी कार्ययोजना को मूर्त रूप देने में जुट गया था।  इसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्रियों की अनुमानित संख्या के हिसाब से ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई। साथ ही महाकुंभ को दौरान भीड़ बढ़ने की स्थिति में आपात योजना भी बनाई गई। आम दिनों में ट्रेनों में रहने वाली भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने इसके लिए विशेष उपायों को अपनाया। इसके तहत किसी एक रूट, ट्रेन या बड़े स्टेशन पर दवाब को हटाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए। तीर्थयात्रियों की संख्या और मांग के अनुरूप एक के बाद एक विशेष ट्रेनें चलाई गईं।
 
यह आंकड़ा थोड़ा विस्मित भी करता है कि महाकुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक 13,667 ट्रेनें तीर्थयात्रियों को लेकर प्रयागराज और उसके अन्य स्टेशनों तक पहुंचीं। इनमें 3,468 विशेष ट्रेनों की सुरुअत कुंभ एरिया से  हुई, एवं  2008 ट्रेनों कुंभ एरिया बाहर से आयी, बाक़ी  8,211 नियमित ट्रेनें थीं। शहर में प्रयागराज समेत कुल नौ स्टेशन हैं, जहां ट्रेनों का आवागमन हुआ। अकेले प्रयागराज स्टेशन पर ही पांच हजार ट्रेनें का लाभ श्रद्धालुओं को मिला ।   

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button