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प्रदेश के नगरीय निकायों में पीपीपी मॉडल पर नागरिकों की बुनियादी सुविधाओं पर कार्य

प्रदेश के नगरीय निकायों में पीपीपी मॉडल पर नागरिकों की बुनियादी सुविधाओं पर कार्य

निवेश को भी मिल रहा है प्रोत्साहन

भोपाल
प्रदेश में नगरीय निकाय शहरी क्षेत्रों में जनसुविधा के कार्यों को पीपीपी मॉडल पर करने के लिये योजना बना रही है। प्रदेश कुछ शहरों में इसके अच्छे परिणाम भी सामने आये है। कुछ कार्यों में नगरीय निकायों में नवीन कार्य के साथ संचालन और उनके व्यय की जिम्मेदारी कंपनी को सौंपी गयी है। इन कार्यों में प्रायवेट कंपनियों द्वारा निवेश भी किया गया है।

रीवा में पब्लिक, प्राईवेट,पार्टनर्शिप (पीपीपी) मॉडल पर नागरिकों की बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश गृह निमार्ण मण्डल ने प्रोजेक्ट तैयार कर भवन तैयार किए है। इनमें कलेक्ट्रेट भवन, ऑडिटोरियम, आई.टी.आई भवन, स्पोटर्स कॉम्पलेक्स, रतहरा तालाब सौंदर्यीकरण, कर्मचारियों के लिये आवास का निर्माण, रिवर फ्रंट का विकास, सेण्ट्रल पार्क और फूड ज़ोन का निर्माण शामिल है। गृह निर्माण मण्डल नें शहर में सेंट्रल लाइब्रेरी, नवीन अतिथि गृह और बस स्टैंड का निर्माण भी किया है। यह सभी कार्य पीपीपी मॉडल अंतर्गत किए गये है। इन सभी कार्यो की लागत करीब 250 करोड़ रुपये है।

गृह निर्माण मण्डल आगामी प्रस्तावित योजनाओं में मॉडल रोड का सौंदर्यीकरण, अन्तर्राज्जीय बस टर्मिनल ( आईएसबीटी) का निर्माण ,रिवर फ्रंट फेस का विकास, लॉजिस्टिक्स हब, स्मार्ट टॉयलेट्स, मल्टी लेवल पार्किंग का निर्माण भी पीपीपी मॉडल पर करने जा रहा है। शहर में जिन नई योजना पर कार्य किया जा रहा है उनकी लागत 150 करोड़ रुपये है।

रतलाम में पीपीपी प्रोजेक्ट

रतलाम शहर में 134 करोड़ रुपयें लागत से एमपी हॉउसिंग बोर्ड द्वारा गोल्ड कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में जिला अस्पताल एवं शासकीय आवासों का निर्माण पीपीपी मॉडल में किया जा रहा हैl पुरानी जेल के स्थान पर व्यावसायिक परिसर बनाने, नई जेल बनाने, नया तहसील भवन निर्माण और मैकेनाइज्ड पार्किंग के कार्य शामिल है।

सिंगरौली में पीपीपी मॉडल पर अपशिष्ट प्रबंधन

सिंगरौली नगर निगम में शहर में अपशिष्ट प्रबंधन कार्य के लिए पीपीपी मॉडल पर एजेंसी का चयन किया गया है। यह एजेंसी शहर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण एवं उसका परिवहन के अलावा कचरे का निष्पादन और लैंड फिल साइड का संचालन करेंगी। चयनित कंपनी शहर में मृत मवेशी को हटाने का कार्य भी करेंगी। अपशिष्ट प्रबंधन की लागत 43 करोड़ रूपये से अधिक है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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