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मोहन भागवत ने पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में दिया बड़ा बयान, हिंदू कभी धर्म पूछकर नहीं मारते

नई दिल्ली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में बड़ा बयान देते हुए कहा है कि मौजूदा संघर्ष धर्म और अधर्म के बीच है, न कि केवल किसी संप्रदाय या धर्म के नाम पर। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग धर्म पूछकर लोगों की हत्या करते हैं, वे कट्टरपंथी हैं, और ऐसा आचरण राक्षसी प्रवृत्ति का परिचायक है। आरएसएस चीफ ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की बात पर बल देते हुए कहा कि अगर हमारे पास शक्ति है तो यह दिखानी होगी।

आरएसएस चीफ ने कहा, "यह लड़ाई संप्रदायों या धर्मों के बीच नहीं है। इसका आधार जरूर धर्म और संप्रदाय है, लेकिन यह वास्तव में धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई है।" उन्होंने आगे कहा, ''भारतीय सैनिकों या नागरिकों ने कभी किसी की धर्म पूछकर हत्या नहीं की। हिंदू कभी भी धर्म पूछकर हत्या नहीं करते। जो लोग धर्म पूछकर लोगों की हत्या करते हैं, वे कट्टरपंथी हैं, और ऐसा आचरण राक्षसी प्रवृत्ति का परिचायक है।''

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे दिल में दर्द है। हम गुस्से में हैं लेकिन बुराई को नष्ट करने के लिए ताकत दिखानी होगी। रावण ने अपना इरादा नहीं बदला तो और कोई विकल्प नहीं था। राम ने उसे सुधारने का मौका दिया था और उसके बाद मारा था।’’

राम-रावण प्रसंग से दी मिसाल
मोहन भागवत ने रावण के प्रसंग का उदाहरण देते हुए कहा, "रावण भगवान शिव का भक्त था, वेद जानता था, लेकिन उसका मन और बुद्धि परिवर्तन को तैयार नहीं थे। ऐसे राक्षस का अंत राम ने किया, क्योंकि परिवर्तन के लिए कभी-कभी विनाश आवश्यक होता है।" उन्होंने कहा कि राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों का अंत ही देश और धर्म की रक्षा के लिए जरूरी है।

मोहन भागवत ने कहा, "देश के हर नागरिक के मन में दुख और क्रोध होना स्वाभाविक है, क्योंकि राक्षसों के विनाश के लिए अपरिमित शक्ति की आवश्यकता होती है।" उन्होंने ने इस बात पर भी जोर दिया कि कुछ लोग चेतना और तर्क से परे होते हैं और ऐसे लोगों में कोई सुधार संभव नहीं होता, सिर्फ कठोर कार्रवाई ही उनका समाधान है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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