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200 यूनिट खपत पर बिजली मुफ्त करने वाले केजरीवाल अब अपने ही बिल को लेकर घिरे

नई दिल्ली
दिल्ली में सरकार चलाते हुए जनता के लिए 200 यूनिट खपत पर बिजली मुफ्त करने वाले अरविंद केजरीवाल अब अपने ही बिल को लेकर घिर गए हैं। अत्यधिक बिजली खपत का आरोप लगा भाजपा उन पर सवाल उठा रही है। भाजपा को यह मौका सूचना के अधिकार (RTI) के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब से मिला है, जिसमें दिल्ली सरकार ने बताया है कि अरविंद केजरीवाल बतौर मुख्यमंत्री जिस बंगले में रहते थे उसका दो साल का बिल 41 लाख रुपए से अधिक का था।

आरटीआई एक्टिविस्ट कन्हैया कुमार की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में बताया गया कि अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2024 के बीच 6 फ्लैग स्टाफ रोड के बंगले में 41.5 लाख रुपए की बिजली खपत हुई। इस बंगले को भाजपा और कांग्रेस की ओर से शीशमहल कहा जाता है। बंगले में सुख-सुविधा पर करोड़ों रुपए खर्च का आरोप है और इसकी जांच चल रही है। आरटीआई से मिले जवाब के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल के बंगले में दो साल में 560335 यूनिट की बिजली खपत की गई, जिसका बिल 41,51,350 रुपए है। इस लिहाज से औसत निकालें तो हर दिन करीब 767 यूनिट बिजली खपत की गई, जिसका मूल्य करीब 5700 रुपए है।

दिल्ली में CM के लिए कितनी बिजली मुफ्त
दिल्ली विधानसभा की वेबसाइट पर मंत्रियों और मुख्यमंत्री के वेतन और भत्ते की विस्तार से जानकारी दी गई है। इसमें मुफ्त बिजली का भी जिक्र है। इसमें बताया गया है मुख्यमंत्री को हर महीने 5000 यूनिट बिजली के बिल के लिए प्रतिपूर्ति (रिइंबर्समेंट) का प्रावधान है, जबकि मंत्रियों के लिए सीमा 3000 यूनिट मासिक है। इस लिहाज से देखें तो अरविंद केजरीवाल के लिए हर महीने 5000 यूनिट बिजली मुफ्त थी जबकि उनकी खपत औसतन करीब 21000 यूनिट मासिक थी।

भाजपा का तीखा हमला
आरटीआई जवाब के बहाने भाजपा अब केजरीवाल पर हमलावर है। भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तीखा प्रहार किया है। उन्होंने एक वीडियो में कहा, 'शीशमहल के खर्च की कहानी तो हम सबने सुनी है। हमें पता है कि किस तरह केजरीवाल ने जनता के 45 करोड़ रुपए इस पर खर्च किए। पर अब एक और चौंकाने वाली खबर है। आरटीआई दिखाती है कि 2 साल में मुख्यमंत्री निवास में बिजली का बिल 41.5 लाख रुपए का था। 5.60 लाख यूनिट बिजली खर्च हुई। हर दिन 5700 रुपए का प्रतिदिन है। आप समझ सकते हैं कि कितने एसी नॉन स्टॉप चल रहे ते। यह वही केजरीवाल है जिसने करोड़ों रुपए खर्च किए अपने ऐशो-आराम पर। वैगनार कार में घूमते थे और फिर 1.5 करोड़ रुपए की गाड़ी खरीद ली वह भी आरटीआई से सामने आया था। शीशमहल की कहानी दरअसल बंगले नहीं मानसिकता के रेनोवेशन की है।'

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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