श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में मनाया गया राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
विज्ञान हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा है::आई.पी.मिश्रा

भिलाई-स्थानीय श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार,पोस्टर और मॉडल स्पर्धा आदि आयोजित किए गए।प्रभारी प्राध्यापक डॉ.प्राची निमजे ने जानकारी देते हुए बताया कि दो दिवसीय विज्ञान उत्सव का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आई पी मिश्रा ने किया।विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में बड़ी संख्या में उपस्थित छात्र छात्राओं एवं शोधार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विज्ञान का हमारे दैनिक जीवन में नियमित रूप से महत्व है इसे केवल एक दिन में बांधा नहीं जा सकता है।रमन प्रभाव की खोज हो या न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का आविष्कार हमारे वैज्ञानिकों ने विश्व में अपनी अलग पहचान स्थापित की है।
विधार्थियों के लिए भी वैज्ञानिक चेतना के विकास में इस तरह के आयोजन उत्साहित करते हैं।शोधपत्रों,पोस्टर,मॉडल के जरिए विद्यार्थी जब अपनी वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता को प्रस्तुत करते हैं तो हमारी मेहनत सफल हो जाती है।विशेष व्याख्यान की श्रृंखला में शासकीय विज्ञान महाविद्यालय दुर्ग के डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने ग्लोबल वार्मिंग और उसके बढ़ते खतरे पर सारगर्भित जानकारी देते हुए कहा कि यदि हम अब भी नियंत्रण नहीं कर पाए तो आगे बाढ़ जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ेगा। ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर समस्या बन गई है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।यह किसी एक कारण से नहीं बल्कि कई कारणों से हो रहा है जिसमें प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों हैं।
ग्रीन हाउस गैसों,ज्वालामुखी विस्फोट,कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ती मात्रा ग्लोबल वार्मिंग में योगदान दे ही रहीं हैं मिथेन गैस भी एक अहम रोल कर रही है।इसके बढ़तेखतरों में समुद्रजलस्तर में वृद्धि, तूफानों की तीव्रता में वृद्धि,जलवायु परिवर्तन है जिन्हें रोकना ही होगा।कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी और पर्यावरण संरक्षण में सक्रियता से ही हम निजात पा सकते हैं।
इसी श्रृंखला में भारत सरकार के वन सेवा अधिकारी डॉ.बी.पी.नौंहरे ने पर्यावरण और बढ़ते प्रदूषण पर प्रकाश डालते हुए बढ़ते तापमान की चर्चा की। कार्यक्रम में ऑनलाइन व्याख्यान में चीन के सुन एट सेन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हॉन्ग लियांग जुए तथा मोंटेग्रो से भू वैज्ञानिक ड्रैगन ऑर रेड जैविक आमंत्रित थे।उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण बचाने चलाई जा रही मुहिम पर प्रकाश डाला तथा भू गर्भीय जल स्रोतों पर नई तकनीक के उपयोग की जानकारी दी।
शोधपत्रों की प्रस्तुति दो सत्रों में आयोजित की गई।कुल 80 शोधपत्र प्राप्त हुए जिनकी मौखिक और पोस्टर के माध्यम से प्रस्तुति हुई।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय प्रबंधन से रुद्रांश मिश्रा,कुलसचिव डॉ.स्मिता सेलोट,डायरेक्टर विकास डॉ.सुशील चंद्र तिवारी,डॉ.स्वर्णली दास पॉल,गुंजन जैसवानी,संदीप श्रीवास्तव, डॉ.धनेश जोशी के साथ प्राध्यापक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।इस अवसर पर आयोजित विभिन्न स्पर्धाओं के पुरस्कार वितरित किए गए।कार्यक्रम का संचालन डॉ.परख सहगल ने किया।