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मनेन्द्रगढ़ शराब की अवैध बिक्री रोक नहीं पा रहा आबकारी विभाग

मनेन्द्रगढ़/एमसीबी

जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ में अवैध शराब का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। जिसमे खास तौरपर युवा वर्ग शराब एवं अन्य नशीली वस्तुओं के मकडाजाल में फंसता जा रहा है। नगर में जगह-जगह आसानी से अवैध रूप से शराब बिकने से गांव के पुरे युवा वर्ग इसके चपेट में आ रहे है। अवैध शराब बिक्री को लेकर नगरवासियो द्वारा मनेन्द्रगढ़ थाने में कई बार शिकायत करने के बावजूद भी पुलिस प्रशासन इस ओर ध्यान न देना समझ के परे है। नगरवासियो की शिकायत के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा एक दो दिन कार्यवाही की जाती है। जिसके बाद हालात जस की तस वैसे ही खुलेआम शराब बिकना शुरू हो जाता है।

आबकारी विभाग की मिलीभगत से फल-फूल रहा गोरखधंधा

मनेंद्रगढ़ के वॉर्ड नंबर 07 में अवैध शराब तस्करी का गोरखधंधा खुलेआम फल-फूल रहा है। इस पूरे नेटवर्क का संचालन थोक विक्रेता द्वारा किया जा रहा हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह अवैध कारोबार आबकारी विभाग की मिलीभगत से चल रहा है, जिससे प्रशासन की निष्क्रियता पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।

शराब माफिया का बढ़ता दबदबा

सूत्रों के मुताबिक,अवैध थोक विक्रेता ने मनेंद्रगढ़ में अवैध शराब तस्करी का एक संगठित नेटवर्क बना लिया है, जहां बाहरी राज्यों से लाई गई शराब बिना किसी रोक-टोक के बेची जा रही है। बताया जा रहा है कि प्रशासन की नाक के नीचे यह गोरखधंधा इस कदर फल-फूल रहा है कि स्थानीय शराब दुकानदारों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

आबकारी विभाग की संदिग्ध भूमिका

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि आबकारी विभाग की मिलीभगत के बिना इस स्तर का अवैध कारोबार संभव ही नहीं है। आरोप है कि थोक विक्रेता प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर बड़े स्तर पर शराब की खेप मंगवाता है और उसे ऊंचे दामों पर ब्लैक मार्केट में बेचता है।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल?

शहर में अवैध शराब तस्करी के बढ़ते मामलों से आम जनता परेशान है, लेकिन प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्यवाही करने में असफल नजर आ रहा है। सवाल उठता है कि क्या.. अवैध शराब थोक विक्रेता और उसके नेटवर्क को राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है?

जनता की मांग-हो सख्त कार्यवाही

मनेंद्रगढ़ के जागरूक नागरिकों ने प्रशासन और शासन से मांग की है कि इस अवैध कारोबार पर तुरंत रोक लगाई जाए और इसमें संलिप्त सभी दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हो। साथ ही, आबकारी विभाग के उन अधिकारियों की जांच होनी चाहिए जो इस गोरखधंधे में शामिल हैं।

अगर प्रशासन ने जल्द ही इस मामले में कार्यवाही नहीं किया, तो स्थानीय लोग बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
बहरहाल अब देखना यह है कि मनेंद्रगढ़ प्रशासन इस अवैध कारोबार पर शिकंजा कसता है या फिर शराब माफियाओं के आगे घुटने टेक देता है!

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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