RO.NO. 13073/99
धार्मिक

चैत्र नवरात्रि शक्ति की उपासना का महोत्सव है , मां दुर्गा के किन रुपों की होती है पूजा

मां भवानी की पूजा का पर्व चैत्र नवरात्रि इस साल 30 मार्च 2025 से शुरू होने वाला है. माता की आराधना के लिए 9 दिन बहुत पवित्र और पुण्यदायी होते हैं. मां दुर्गा को तीनों लोकों की मां के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है मां दुर्गा की पूजा करने वाले का कभी कोई अमंगल नहीं होता.

अगर कुंडली में ग्रह दोष है और बार बार मेहनत करने के बाद भी काम में सफलता नहीं मिल रही है तो चैत्र नवरात्रि के नौ दिन माता के 9 स्वरूपों की पूजा करें, माता के 9 शक्तियां कौन है, इनकी उपासना का महत्व क्या है.

मां दुर्गा के किन रुपों की होती है पूजा

  1. मां शैलपुत्री (प्रतिपदा तिथि) – देवी पुराण के अनुसार मां शैलपुत्री की पूजा करने से जीवन में स्थिरता आती है. दांपत्य सुख का लाभ मिलता है.
  2. मां ब्रह्मचारिणी (द्वितीया तिथि) – ब्रह्मचारिणी इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं की ज्ञाता हैं. कहते हैं इनकी आराधना से व्यक्तिव में निखार आता है, बुद्धि तीव्र होती है.
  3. मां चंद्रघंटा (तृतीया तिथि) – आत्म कल्याण और शांति की तलाश जिसे हो, उसे नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना करनी चाहिए.  मां चंद्रघंटा को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचानी वाली देवी माना जाता है.
  4. मां कूष्मांडा (चतुर्थी तिथि) – चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा सकी पूजा से व्यक्ति को यश, बल और धन की प्राप्ति होती है, ऐसी मान्यता है.
  5. मां स्कंदमाता (पंचमी तिथि) – स्कंदमाता के साथ पुत्र कार्तिकेय की पूजा भी की जाती है. संतान प्राप्ति के लिए नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की उपासना नवरात्रि कसबसे फलदायी मानी गई हैं.
  6. मां कात्यायनी (षष्ठी तिथि) – चैत्र नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा उन लोगों को जरुर करना चाहिए जिनकी शादी में बाधा आ रही है. रोग, शोक, संताप से मुक्ति चाहिए उन्हें देवी कात्यायिनी को मनाना चाहिए.
  7. मां कालरात्री (महासप्तमी तिथि)- मां कालरात्रि की पूजा करने से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है। जीवन की हर समस्या को पलभर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है. तंत्र साधना में मां कालरात्री की पूजा सबसे अचूक मानी गई है.
  8. मां महागौरी (महाअष्टमी तिथि) – अपने पाप कर्मों के काले आवरण से मुक्ति पाने और आत्मा को फिर से पवित्र और स्वच्छ बनाने के लिए महागौरी की पूजा और तप किया जाता है।
  9. मां सिद्धिदात्री (महानवमी तिथि)- भगवान शिव ने देवी के इसी स्वरूप से कई सिद्धियां प्राप्त की. शिव के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में जो आधी देवी हैं वो ये सिद्धिदात्री माता ही हैं. इनकी उपासना से हर काम में सफलता मिलती है.
Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13073/99

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button