भारत के लोकतंत्र की महान परम्पराओं को बनाये रखने का दायित्व हम सबका

भोपाल
भारत के लोकतंत्र की महान परम्पराओं को बनाये रखने का दायित्व हम सबका है। हमारे देश के आदर्शों और महान मूल्यों से बना लोकतंत्र पूरी दुनिया में सम्मान से देखा जाता है। पं. कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय विद्यापीठ के संसदीय प्रश्न-मंच प्रतियोगिता के उद्घाटन सत्र में यह विचार तात्या टोपे विश्वविद्यालय के कुलगुरु श्री किशन यादव ने व्यक्त किये। संसदीय प्रश्न-मंच प्रतियोगिता में 12 विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
संसदीय विद्यापीठ की संचालक डॉ. प्रतिमा यादव ने कहा कि संसद और विधानसभाएँ भारत के बेहतर भविष्य का निर्माण करने वाली संस्था हैं। इन संस्थाओं के बारे में प्रत्येक युवा को जानने की उत्सुकता होनी चाहिये। कार्यक्रम में पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर ने भी भारत के गौरवशाली लोकतंत्र परम्पराओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश के नव-निर्माण में सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों की भूमिकाएँ महत्वपूर्ण होती हैं। प्रतियोगिता का संचालन प्राचार्य शासकीय आदर्श महाविद्यालय विदिशा डॉ. ब्रह्मदीप अलूने ने किया। उच्च शिक्षा उत्कृष्ट संस्थान भोपाल प्रथम, सरोजिनी नायडू महाविद्यालय द्वितीय और पीसीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस हमीदिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।