RO.NO. 13073/99
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री ने नया कीर्तिमान स्थापित किया

प्रयागराज
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री ने नया कीर्तिमान स्थापित किया। 14 जनवरी से 27 फरवरी, 2025 तक आयोजित इस राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में खादी उत्पादों की कुल बिक्री 12.02 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने दी। प्रदर्शनी में कुल 98 खादी स्टॉल और 54 ग्राम उद्योग स्टॉल लगाए गए थे। इन स्टॉल्स पर खादी उत्पादों की कुल बिक्री 9.76 करोड़ रुपये तक पहुंची, जबकि ग्राम उद्योग उत्पादों की बिक्री 2.26 करोड़ रुपये रही। पीएम नरेंद्र मोदी की ‘खादी क्रांति’ के प्रभाव के कारण इस वर्ष बिक्री में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई।

‘नए भारत के लिए नई खादी’ अभियान को बढ़ावा
खादी को बढ़ावा देने के लिए ‘नए भारत के लिए नई खादी’ अभियान को और मजबूती दी गई। इसी कड़ी में, केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने दिल्ली स्थित केवीआईसी के राजघाट कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए छह राज्यों के 205 मधुमक्खी पालकों को 2,050 मधुमक्खी बक्से, शहद की बस्तियाँ और टूलकिट वितरित किए।

‘मीठी क्रांति’ को बढ़ावा देने का प्रयास
खादी के साथ-साथ ‘मीठी क्रांति’ को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के तहत मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। 2017 में शुरू किए गए ‘हनी मिशन’ के तहत अब तक 20,000 से अधिक लाभार्थियों को दो लाख से ज्यादा मधुमक्खी बक्से और बस्तियाँ प्रदान की जा चुकी हैं।

मधुमक्खी पालन क्यों है जरूरी?
मधुमक्खी पालन न केवल किसानों की आय बढ़ाने का एक जरिया है बल्कि इससे देश शहद उत्पादन में आत्मनिर्भर भी बन सकता है। एमएसएमई मंत्रालय के अनुसार, मधुमक्खी के मोम की मांग दवा, खाद्य, कपड़ा और कॉस्मेटिक उद्योगों में बहुत अधिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मधुमक्खी पालन से होने वाले लाभों पर चर्चा की थी।

खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र की बढ़ती उपलब्धियां
केवीआईसी अध्यक्ष ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र में पांच गुना वृद्धि दर्ज की गई है। खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की कुल बिक्री 31,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,55,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। खादी परिधानों की बिक्री में भी जबरदस्त उछाल आया है, जो 1,081 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,496 करोड़ रुपये हो गई है।

रोजगार सृजन में खादी का योगदान
खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र ने बीते वित्तीय वर्ष में 10.17 लाख नए रोजगार उत्पन्न किए हैं। पिछले एक दशक में खादी कारीगरों की आय में 213 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। खास बात यह है कि इस क्षेत्र में 80 प्रतिशत से अधिक रोजगार महिलाओं के लिए सृजित हुए हैं। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के मद्देनजर, विशेषज्ञों का मानना है कि खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र को निरंतर बढ़ावा देने से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और लाखों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13073/99

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button