RO.NO. 13073/99
जिलेवार ख़बरें

छत्तीसगढ़ :पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे के ठिकानों पर ED की रेड, 15 जगहों पर छापेमारी

रायपुर

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में बड़ा एक्शन लेते हुए 15 ठिकानों पर छापेमारी की है. इस एक्शन से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे पर शिकंजा कस सकता है.

ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर छापेमारी की है. ईडी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कुल 15 ठिकानों पर रेड की गई है. यह मामला छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले से जुड़ा बताया जा रहा है. भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य का नाम इस मामले की जांच के दौरान सामने आया था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में 2100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम भर गई।

सूत्रों ने बताया, ईडी छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के संबंध में दुर्ग जिले में 14 स्थानों पर पीएमएलए के तहत छापेमारी कर रही है। जिन जगहों पर छापेमारी चल रही है वो छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल से संबंधित हैं, जिसमें उनके बेटे चैतन्य बघेल और उनके करीबी सहयोगियों का आवास भी शामिल है। ईडी को पता चला है कि चैतन्य बघेल भी शराब घोटाले से उत्पन्न अपराध की आय का प्राप्तकर्ता है, जिसमें अपराध की कुल आय लगभग 2,161 करोड़ रुपये है, जिसे विभिन्न योजनाओं के माध्यम से निकाला गया है।

भूपेश बघेल ने आज सुबह सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर बताया, ''सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ईडी के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है। अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।''

शराब घोटाले में पहले भी हुआ एक्शन

बता दें कि इस मामले में ईडी पहले भी कई बड़े एक्शन ले चुकी है. इससे पहले जांच एजेंसी ने मई 2024 में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर समेत कई आरोपियों की लगभग 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था, जिसकी कीमत 205.49 करोड़ रुपये थी.

इन आरोपियों की संपत्ति की गई थी कुर्क

ईडी ने जो संपत्तियां कुर्क की थी, उसमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की 14 संपत्ति शामिल थी, जिनकी कीमत 15.82 करोड़ रुपये थी. वहीं, 115 संपत्तियां अनवर ढेबर की थीं, जिसकी कीमत 116.16 करोड़ थी. इसके साथ ही विकास अग्रवाल की भी 3 संपत्तियां कुर्क की गई थीं, जिसकी कीमत 1.54 करोड़ थी. 33 प्रॉपर्टी अरविंद सिंह की थीं, जिसकी कीमत 12.99 करोड़ थी. अरुण पति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ रुपये की एक संपत्ति को जब्त किया गया था.

क्या है ईडी का आरोप

ईडी के मुताबिक 2017 में शराब की खरीद और बिक्री के लिए CSMCL बनाई गई थी, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही ये सिंडिकेट के हाथ का एक टूल बन गई. आरोप है कि CSMCL से जुड़े कामों के लिए सारे कॉन्ट्रैक्ट इस सिंडिकेट से जुड़े लोगों को ही दिए जा रहे थे. ED का दावा है कि सिंडिकेट ने अवैध शराब की बिक्री से 'बड़ा कमीशन' कमाया, ये रकम अनवर ढेबर को दी गई और फिर उसने इसे राजनीतिक पार्टी तक साझा किया.

 

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13073/99

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button