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धार्मिक

जानें कब है पापमोचनी एकादशी

एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है. चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली पापमोचनी एकादशी व्रत का खास महत्व है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है. साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. तो आइए जान लेते हैं कि इस बार पापमोचनी एकादशी का व्रत कब किया जाएगा.

पापमोचनी एकादशी कब है
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 मार्च को सुबह के 05 बजकर 05 मिनट शुरू हो रही है और तिथि का समापन 26 मार्च को सुबह में 03 बजकर 45 मिनट पर होने वाला है. उदया तिथि के अनुसार एकादशी का व्रत 25 मार्च को रखा जाएगा.

पापमोचनी एकादशी पूजा विधि
    पापमोचनी एकादशी के दिन व्रत एवं पूजन करने के लिए सुबह उठकर पवित्र स्नान करें.
    भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें.
    इसके बाद अपने घर व पूजा घर को साफ करें.
    एक चौकी पर भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें.
    भगवान का पंचामृत से स्नान करवाएं.
    पीले फूलों की माला अर्पित करें.
    हल्दी या गोपी चंदन का तिलक लगाएं.
    पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं.
    विष्णु जी का ध्यान करें.
    पूजा में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें.
    आरती से पूजा को समाप्त करें.
    पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे.
    अगले दिन पूजा के बाद प्रसाद से अपना व्रत खोलें.

पापमोचनी एकादशी व्रत पारण समय
पापमोचनी एकादशी व्रत का पारण अगले दिन 26 मार्च को द्वादशी तिथि पर दोपहर के 01 बजकर 41 मिनट पर किया जाएगा और शाम 04 बजकर 08 मिनट तक है. इस दौरान व्रती अपने व्रत का पारण कर सकते हैं. स्नान-ध्यान कर विधि-विधान से पहले लक्ष्मी नारायण की पूजा अर्चना कर. व्रत खोल सकते हैं.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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