राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना के एमओयू बाद योजना की सूत्रधार अर्चना चिटनिस ने ताप्ती तट पहुंचकर किया नमन

बुरहानपुर।

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना हमारे देश के खोजी और अन्वेक्षण प्रिय अभियंताओं की भूगर्भीय जल संचय हेतु ऐतिहासिक पहल है। जिसके लिए 30-35 वर्ष तक भू-वैज्ञानिक कभी ताप्ती कछार के बजाडा झोन तो कभी सतपुड़ा की तलहटी में जल रिसाव पर अपने-अपने प्रयोग कर खोजी धर्म का कर्तव्य निर्वहन करते हुए इस ताप्ती नदी के कछार में इस परियोजना की कल्पना को साकार करने में सफल हो सके हैं। जल प्रबंधन की दिशा में उठाया गया यह एक ऐतिहासिक कदम है।

इस परियोजना के माध्यम से वर्षों से जल संकट झेल रहे क्षेत्रों को नई उम्मीद मिली है। हमारे वैज्ञानिकों ने जिस दूरदृष्टि, शोध और तकनीकी नवाचार से इस योजना को साकार किया है, वह वास्तव में राष्ट्र के लिए गर्व की बात है। यह सिर्फ एक जल परियोजना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते हमारे कदमों की एक ठोस मिसाल है। जब विज्ञान, नीति और जनकल्याण एक साथ मिलते हैं, तब ऐसे परिवर्तनकारी प्रयास जन्म लेते हैं। ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना इसी सोच का सशक्त प्रतीक है। यह बात ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना की सूत्रधार एवं विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कही। मंगलवार को श्रीमती चिटनिस ने ताप्ती तट स्थित बुरहानपुर जिले के ग्राम पंचायत तांदली के लिंगा गांव से मां ताप्ती को नमन किया जहां इस योजना के संबंध में उन्हें ताप्ती पाटबंधारे विकास महामंडल महाराष्ट्र के अधिकारियों ने पहली बार प्राथमिक जानकारी दी थी और इस स्थान पर ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना का बिजारोपण हुआ। जहां से श्रीमती चिटनिस ने इस कार्य को करने का बीड़ा उठाया था। तत्पश्चात श्रीमती अर्चना चिटनिस की उपस्थिति में बुरहानपुर में पत्रकारों के समक्ष योजना का प्रस्तुतिकरण कर इसकी विस्तृत जानकारियों से अवगत कराया। योजना की विस्तृत जानकारी तकनीकी विशेषज्ञ एवं पूर्व सूचना राज्य आयुक्त वी.डी.पाटिल, ताप्ती कार्पाेरेशन जलगांव महाराष्ट्र के कार्यपालन यंत्री उत्तम दाभड़े, जलगांव के अधीक्षक यंत्री यशवंतराव बडाने, वेबकाप्स के मुकेश चौहान इंदौर ने दी।प्रेसवार्ता में महापौर श्रीमती माधुरी पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष गंगाराम मार्काे, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.मनोज माने, पूर्व महापौर अतुल पटेल, वीरेन्द्र तिवारी, प्रदीप पाटिल, गोपाल चौधरी, मनोज लधवे, राजेश चौहान सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण उपस्थित रहे।

योजना की सूत्रधार श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना में महाराष्ट्र के धारणी से ताप्ती नदी के दोनों कछार से नहरे बननी हैं। योजना के तहत 273 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण किया जाएगा। जिससे 11.76 क्यूबिक मीटर जल का पुनर्भरण रिचार्ज किया जाएगा। योजना से मध्यप्रदेश के 1,23,082 हेक्टेयर क्षेत्र में एवं महाराष्ट्र के 2,34,706 हेक्टेयर में सिंचाई प्रस्तावित है। दोनों ओर की नहरें ताप्ती कछार में स्थित भूभ्रंश फाल्ट के नजदीक से गुजरने वाली हैं तथा इन नहरों के माध्यम से कंट्रोलेड भूजल पुनर्भरण प्रस्तावित हैं। पुनर्भरण संरचना भू स्तर को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय भूजल बोर्ड सीजीडब्ल्यूबी के वैज्ञानिक निर्धारित करेंगे। इस प्रकार भूगर्भ की संरचना का आधार लेकर लगभग एक लाख करोड़ लीटर 30 टीएमसी पानी का हर वर्ष पुनर्भरण होना है। जिसमें मध्यप्रदेश का 1.23 लाख हेक्टेयर एवं महाराष्ट्र का 2.34 लाख हेक्टेयर पुनर्भरण से लाभान्वित होने वाला है तथा 48 हजार हेक्टेयर सीधी सिंचाई से लाभ होगा। जिससे मध्यप्रदेश के बुरहानपुर एवं खंडवा तथा महाराष्ट्र के जलगांव, बुलढाणा, अकोला और अमरावती जिले के क्षेत्र सम्मिलित हैं। इस योजना की अनुमानित लागत 19 हजार करोड़ रुपए के आसपास है। इसका समुचित लाभांश क्षेत्र 3.57 लाख हेक्टेयर है।

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजनांतर्गत मुख्य रूप से चार जल संरचनाएं प्रस्तावित हैं। खरिया गुटीघाट बांध स्थल पर लो डायवर्सन वियर: यह वियर दोनों राज्यों की सीमा पर मध्यप्रदेश की खंडवा जिले की खालवा तहसील एवं महाराष्ट्र की अमरावती तहसील में प्रस्तावित है। इसकी जल भराव क्षमता 8.31 टीएमसी प्रस्तावित है। इस योजना में ताप्ती के दाएं तट पर 221 किलोमीटर और बायी तट पर 255 किलोमीटर की नहर अर्थात् महाराष्ट्र धारणी के खरिया गुटी घाट से एक ताप्ती से 3 ताप्ती होकर मध्यप्रदेश की सीमा में सतपुड़ा की तलहटी और नदी के मध्य होकर जल रिसाव की प्रक्रिया के माध्यम से योजना को क्रियान्वित की जाएगी। दाई तट नहर प्रथम चरण: प्रस्तावित खरिया गुटीघाट वियर क़े दाएं तट से 221 किलोमीटर लंबी नहर प्रस्तावित है, जो मध्यप्रदेश में 110 किलोमीटर बनेगी। इस नहर से मध्यप्रदेश के 55 हज़ार 89 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। बाई तट नहर प्रथम चरण: प्रस्तावित खरिया गुटीघाट वियर के बाएं तट से 135.64 किलोमीटर लंबी नहर प्रस्तावित है जो मध्यप्रदेश में 100.42 किलोमीटर बनेगी। इस नहर से मध्यप्रदेश के 44 हज़ार 993 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है। बाईं तट नहर द्वितीय चरण: यह नहर बाईं तट नहर प्रथम चरण के आर डी 90.89 किलोमीटर से 14 किलोमीटर लम्बी टनल के माध्यम से प्रवाहित होगी। इसकी लंबाई 123.97 किलोमीटर होगी, जिससे केवल महाराष्ट्र के 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button