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रामलला को पहला भोग छत्तीसगढ़ के जवाफूल चांवल से बनी खीर का

रायपुर

अयोध्या में भव्य रामलला के दरबार में उनके स्थापना महोत्सव का आगाज हो चुका है। शास्त्रीय पद्धति, द्वादश अधिवास के बाद रामलला के बालस्वरूप प्रतिमा की प्राणप्रतिष्ठा होगी। प्राणप्रतिष्ठा के लिए पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12.20 बजे का मुहूर्त तय किया गया है। प्राणप्रतिष्ठा के बाद भगवान राम की विधिवत आरती पूजन किया जाएगा। इस आरती पूजन से पहले जो भोग रामलला को अर्पित होगा उसमें छत्तीसगढ़ से भेजे गए चांवल का इस्तेमाल किया जाया।

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से मिली जानकारी के मुताबिक रामलला को पहली खीर का जो भोग लगेगा वो उनके ननिहाल छत्तीसगढ़ से भेजे गए जवाफूल चांवल से बनेगा। वहीं उन्हें छत्तीसगढ़ के ही चांवल से बने भात का भोग भी लगेगा। इसके आलावा छत्तीसगढ़ से भेजे गए तीन हजार क्विंटल चांवल से ही राम मंदिर में होने वाले भंडारे की शुरुआत की जाएगी। यही प्रसाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हजारों की संख्या में पहुंचे संत महात्मा समेत स्थापना पर पहुंचे तमाम लोग भी ग्रहण करेंगे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोशिएशन ने राम मंदिर परिसर से 300 मीट्रिक टन चावल अयोध्या भेजा था। चांवल से भरे 11 ट्रकों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 30 दिसंबर को हरी झंडी दिखाकर श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के लिए रवाना किया था।

ये हमारा सौभाग्य – योगेश अग्रवाल
रामलला के दरबार में छत्तीसगढ़ के चांवल से भोग लगाए जाने की सूचना पर छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसोशिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि ये छत्तीसगढ़ के अन्नदाता, यहां के करोड़ों रामभक्त, हमारे राईस मिलर्स और सभी के लिए सौभाग्य की बात है कि ये अवसर हमें मिला। रामलला के दरबार में हमारे यहाँ से भेजे गए जवाफूल चांवल से खीर बनाई जाएगी, जिसका भोग उन्हें प्राणप्रतिष्ठा के बाद सबसे पहले भोग लगाया जाएगा। वहीं छत्तीसगढ़ के ही चावल से बने भात का भोग उन्हें अर्पित किया जाएगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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