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चीन तवांग से 100 किमी दूर एयरबेस को अपग्रेड कर रहा, अरुणाचल प्रदेश में भारत की बढ़ेगी टेंशन

बीजिंग
 चीन एक बार फिर भारत से सटी सीमा के करीब इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड कर रहा है। चीन ने इस काम के लिए अबकी बार अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा को चुना है। हाल की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन तवांग से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर स्थित लहुंजे एयरबेस को विकसित कर रहा है। इसमें नए शेल्टर, हैंगर और एप्रन को अपग्रेड करने का काम चल रहा है। अपग्रेड करने के बाद यहां से भारी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को भी ऑपरेट किया जा सकेगा, जिससे चीनी सेना भारतीय सीमा के करीब बड़े हथियारों को जल्दी तैनात कर सकेगी।
सैटेलाइट तस्वीर में क्या दिखा?

ओपन सोर्स इंटेलीजेंस @detresfa_ के एक्स पर पोस्ट किए गए तस्वीर के अनुसार, लहुंजे एयरबेस तवांग से सिर्फ 100 किमी दूर है। चीनी मिलिट्री इस एयरबेस को तेजी से विकसित कर रही है। सैटेलाइट तस्वीर के अनुसार, लहुंजे एयरबेस पर नए शेल्टर, हैंगर और एप्रन को बड़ा बनाया जा रहा है। यह एक ऐसा कदम जो पूर्वी क्षेत्र में LAC के साथ वायुशक्ति संतुलन को फिर से संतुलित करेगा।

चीन की मंशा क्या है

चीन इस एयरबेस का इस्तेमाल भारत के साथ भविष्य में होने वाले किसी भी युद्ध के समय कर सकता है। एयरबेस को अपग्रेड करने से यहां से कई तरह के लड़ाकू विमानों, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और ड्रोन को आसानी से ऑपरेट किया जा सकेगा। इसके अलावा इस एयरबेस को सैनिकों के ट्रांसफर, फील्ड मेडिकल हॉस्पिटल और हथियारों के ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।

भारत की सीमा के नजदीक चीन की चाल जानें

पिछले कुछ वर्षों में चीन ने तिब्बत और शिनजियांग में कई हवाई अड्डों और हेलीपोर्टों का निर्माण और अपग्रेड किया है। इसके मौजूदा एयरबेसों का अपग्रेडेशन और नए निर्माण चीन की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने की महत्वकांक्षा को प्रदर्शित करते हैं। अरुणाचल प्रदेश में चीनी सीमा से सटा इलाका ऊबड़-खाबड़ है, जहां ऊंचे पहाड़ और गहरी घाटियां वाहनों के परिवहन में रुकावट डालती हैं। यही कारण है कि चीन संघर्ष की स्थिति में भारत पर बढ़त बनाने और आक्रामक और जवाबी कार्रवाई के लिए तेजी से हवाई अड्डों का विस्तार कर रहा है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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