राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर चरम पर पहुंचता दिख रहा, ट्रंप के टैरिफ अटैक पर चीन की 125% वाली स्ट्राइक

वाशिंगटन
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर चरम पर पहुंचता दिख रहा है। चीन ने अमेरिकी सामानों के आयात पर टैरिफ रेट को 84% से बढ़ाकर 125% कर दिया है, जो शनिवार से लागू होगा। इसके साथ ही चीन ने यह भी कहा कि अगर अमेरिका अब और टैरिफ बढ़ाता है तो वह जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा क्योंकि ट्रंप प्रशासन की नीतियां अब मजाक बन चुकी हैं। चीन के वित्त मंत्रालय ने यह फैसला तब लिया है, जब वाइट हाउस ने साफ किया है कि उसने चीनी सामानों पर टैरिफ को बढ़ाकर 145% कर दिया है। चीन ने कहा कि इन परिस्थितियों में अमेरिका के साथ व्यापार करना अब व्यावहारिक नहीं रह गया है। इससे पहले बुधवार को चीन ने अमेरिका के सामान पर 84% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था।

चीन-अमेरिका में वार-पलटवार
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर इस महीने के शुरू से ही जारी है। पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी सामानों पर 34% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जो 9 अप्रैल से लागू होने वाला था। इसके लागू होने से कुछ घंटे पहले ही ट्रंप ने अचानक इसमें और बढ़ोतरी की घोषणा कर दी। इसका जवाब चीन ने तुरंत दिया। बुधवार को बीजिंग ने अमेरिकी सामानों पर टैरिफ को 50% तक बढ़ाकर 84% कर दिया। इसके अगले ही दिन गुरुवार को अमेरिका ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए चीन से आने वाले सामानों पर टैरिफ बढ़ाकर 145% कर दिया। साथ ही अन्य देशों को 90 दिनों की अस्थायी छूट देते हुए उनके लिए टैरिफ को घटाकर समान रूप से 10% कर दिया।

चीन अब जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा
वित्त मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया, 'वर्तमान टैरिफ रेट पर अमेरिकी सामान अब चीन में बाजार योग्य नहीं रह गए हैं। यदि अमेरिका चीनी निर्यात पर और टैरिफ बढ़ाता है, तो चीन ऐसे कदमों को नजरअंदाज करेगा।' चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने एक अलग बयान में कहा कि वॉशिंगटन का बार-बार अत्यधिक टैरिफ का इस्तेमाल अब केवल 'संख्या का खेल' बनकर रह गया है, जो आर्थिक रूप से अर्थहीन है और अमेरिका की दबाव और धमकी की नीति को उजागर करता है। मंत्रालय ने कहा कि यह एक मजाक बन चुका है। हालांकि चीन ने यह भी चेतावनी दी कि यदि अमेरिका उसके अधिकारों और हितों का उल्लंघन करता रहा तो वह मजबूती से पलटवार करेगा और अंत तक लड़ेगा। चीन ने यह भी कहा कि टैरिफ से होने वाले नुकसान की पूरी जिम्मेदारी अमेरिका को लेनी होगी।

फिल्मों और स्टडी पर भी तनाव
अब यह विवाद केवल सामानों पर ही नहीं रुका है। हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच तनाव सर्विसेज और लोगों के आपसी संबंधों तक पहुंच गया है। गुरुवार को चीन ने अमेरिकी फिल्मों की संख्या में कटौती की घोषणा की, जिससे संकेत मिला कि बदले की कार्रवाई अब आगे बढ़ रही है। बुधवार को चीन ने अपने नागरिकों को अमेरिका की यात्रा को लेकर सतर्क किया और छात्रों को कुछ अमेरिकी राज्योंमें पढ़ाई को लेकर जोखिम की चेतावनी दी।

दोनों देशों में 700 अरब डॉलर का व्यापार
2025 से पहले, दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे पर लगाए गए आयात टैरिफ औसतन 20% से कम थे, लेकिन अब हालात काफी बदल चुके हैं। हर साल अमेरिका और चीन के बीच करीब 700 अरब डॉलर का व्यापार होता है। अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला, तो बढ़े हुए टैरिफ का असर दोनों देशों के उपभोक्ताओं और कंपनियों पर सीधे तौर पर पड़ेगा। उन्हें अपनी सप्लाई चेन में बदलाव करना पड़ेगा ताकि टैरिफ से बचा जा सके। पिछले साल चीन से अमेरिका के तीन सबसे बड़े आयात स्मार्टफोन, लैपटॉप और लिथियम-आयन बैटरियां थीं। वहीं, अमेरिका से चीन को सबसे मूल्यवान निर्यात लिक्विड पेट्रोलियम गैस, कच्चा तेल, सोयाबीन, गैस टर्बाइन और सेमीकंडक्टर बनाने की मशीनें थीं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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