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ट्रंप सरकार में हरमीत ढिल्लन को अहम पद मिलने से क्या बढ़ेंगी भारत की मुश्किलें? लगाए थे गंभीर आरोप

वॉशिंगटन।

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपनी सरकार में हरमीत ढिल्लन को नागरिक अधिकारों के मामले में असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया था। ढिल्लन की ये नियुक्ति भारत की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। दरअसल हरमीत ढिल्लन ने बीते दिनों भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। हरमीत ढिल्लन ने गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश रचने के मामले में भारत पर अमेरिका में सिखों की हत्या के लिए मौत के दस्ते भेजने का आरोप लगाया था।

अमेरिका में पन्नू मामले में अदालती सुनवाई चल रही है, ऐसे में अमेरिकी न्याय विभाग में हरमीत ढिल्लन की नियुक्ति भारत की परेशानी बढ़ा सकती है। हरमीत ढिल्लन (54 वर्षीय) ने बीते दिनों भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। ढिल्लन ने कहा था कि भारत अमेरिका में मौत के दस्ते भेज रहा है, जो उत्तरी अमेरिका में सिखों को निशाना बना रहे हैं। ढिल्लन की यह टिप्पणी खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश के खुलासे के बाद आई थी। हरमीत ढिल्लन ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा था कि 'जैसा कि मैने कहा, भारत उत्तर अमेरिका के ऐसे सिखों को निशाना बनाने के लिए मौत के दस्ते भेज रहा है, पंजाब, कनाडा और अब अमेरिका में मानवाधिकारों की स्थिति पर मुखर रहे हैं। क्या हमारी सरकार इस बारे में कुछ करेगी? लोगों का जीवन खतरे में है।' हरमीत ढिल्लन ने इस साल जुलाई में हुए रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के दौरान अरदास का पाठ किया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कई नस्लवादी टिप्पणियां की गईं थी। हरमीत ढिल्लन ने रिपब्लिकन पार्टी की नेशनल कमेटी के अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें उसमें हार का सामना करना पड़ा था। 

ट्रंप ने की थी तारीफ
हरमीत ढिल्लन के नाम का एलान करते हुए ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि 'हरमीत ढिल्लन को अमेरिकी न्याय विभाग में नागरिक अधिकार मामलों का असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल नियुक्त करते हुए बहुत खुशी हो रही है। अपने करियर के दौरान हरमीत लगातार नागरिक अधिकारों की स्वतंत्रतता की सुरक्षा के लिए खड़ी रही हैं। उन्होंने बोलने की आजादी पर बड़ी तकनीकी कंपनियों की सेंसरशिप के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी। हरमीत सिख समुदाय की सम्मानित सदस्य हैं। अपनी नई भूमिका में हरमीत हमारे संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा करेंगी।'

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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