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अप्रैल माह का पहला पखवाड़ा उतार चढ़ाव भरा रहा है, अब रेवाड़ी में 42 डिग्री तक पहुंचा तापमान, एडवाइजरी जारी

रेवाड़ी
मौसम में फिर तल्खी बढ़ने लगी है। बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस रहा। अप्रैल माह में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तीसरी बार पहुंचा है। इससे पहले आठ व नौ अप्रैल को भी अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस रहा है। अप्रैल माह का पहला पखवाड़ा उतार चढ़ाव भरा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में गर्मी के तेवर और तीखे होने की संभावना है। बृहस्पतिवार को जिले में सुबह तेज धूप के बीच हल्की हवा चलने के बाद भी गर्मी से राहत नहीं मिल रही थी।

अधिकतम तापमान 42 डिग्री पहुंचा
वहीं, बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 42 तो न्यूनतम 24.5 डिग्री सेल्सियस रहा। बुधवार को अधिकतम 39.5 और न्यूनतम 22.5 डिग्री सेल्सियस था। गर्मी के चलते बाजार में ठंडे पेय और खाद्य पदार्थों की दुकानों पर लोग पहुंच रहे हैं। कहीं आइसक्रीम खाने में तो कोई नींबू पानी, गन्ने का रस और अन्य पेय पदार्थों का सेवन कर गर्मी से बचाव का प्रयास करते नजर आए। दोपहर के समय तेज धूप होने से लोग सिर पर तौलिया, टोपी पहने नजर आए। बताया गया कि पिछले दो दिनों से रेवाड़ी में गर्मी के तेवर तीखे बने हुए हैं। पंखा कूलर की हवा में ठंडक गायब है। घरों और प्रतिष्ठानों में एसी और पंखे कूलर लगातार चलने लगे हैं।

इस माह का तुलनात्मक तापमान
दिनांक इस साल पिछले साल
अधिकतम/ न्यूनतम अधिकतम/ न्यूनतम
17 अप्रैल 42.0/24.5 36.0/21.5
16 अप्रैल 39.5/22.5 36.0/23.6
15 अप्रैल 37.5/22.0 37.0/23.0
14 अप्रैल 38.0/20.0 31.2/22.5
13 अप्रैल 36.5/20.5 38.5/20.5
12 अप्रैल 34.0/17.0 40.0/17.5
11 अप्रैल 37.0/22.5 39.5/17.6
10 अप्रैल 40.5/26.5 40.2/17.5
नौ अप्रैल 42.0/22.5 39.0/17.0
आठ अप्रैल 42.0/22.5 38.0/16.0

जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
इन दिनों स्वास्थ्य विशेषज्ञों के पास ज्यादातर मरीज सिरदर्द, चक्कर आना, वायरल, खांसी आदि के साथ एलर्जी से संबंधित पहुंच रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी की हुई है।

नागरिक अस्पताल के फिजिशियन डा. गौरव यादव का कहना है कि गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू (हीट वेव) लगने का खतरा बढ़ जाता है। धूप में घूमने वालों, खिलाड़ियों, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है। लू लगने पर उसके इलाज से बेहतर है, हम लू से बचे रहें यानी बचाव इलाज से बेहतर है।

गर्मी में हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें, अपना सिर ढककर रखें, कपड़े, हैट अथवा छतरी का उपयोग करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं भले ही प्यास न लगी हो। ओआरएस (ओरल रीहाइड्रेशन सोल्यूशन), घर में बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का मांड), नींबू पानी, छाछ आदि का सेवन कर तरोताजा रहें। पार्किंग के समय बच्चों को वाहनों में छोड़कर न जाएं उन्हें लू लगने का खतरा हो सकता है। नंगे पांव बाहर न जाएं, गर्मी से राहत के लिए हाथ का पंखा अपने पास रखना चाहिए। गर्मी के मौसम में जंक फूड का सेवन नहीं करना चाहिए। ताजे फल, सलाद तथा घर में बना खाना खाना चाहिए।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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