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बोरिंग का पानी खत्म कर रही सरकार, कैसे जिएंगे इंदौर के लोग, लगातार हो रहे प्रदर्शन, नहीं सुन रहे जिम्मेदार

इंदौर
इंदौर में हो रही पेड़ों की कटाई के विरोध में पर्यावरणप्रेमियों ने आज हुकुमचंद मिल में प्रदर्शन किया। यहां पर हजारों पेड़ कटने वाले हैं और एमपी हाउसिंग बोर्ड का प्रोजेक्ट आने वाला है। शहर की जनता ने कहा कि सिर्फ मिल क्षेत्र के पेड़ों के कारण ही रोज शहर को लाखों टन ऑक्सीजन मिलती है। इन पेड़ों की वजह से आधे से अधिक इंदौर में बोरिंग का पानी मिल रहा है। सरकार सिर्फ पेड़ ही नहीं काट रही बल्कि इंदौर का भविष्य काट रही है। इस मौके पर महिलाओं और बच्चों ने पेड़ों को रक्षासूत्र भी बांधे और उनकी रक्षा का संकल्प लिया।

विकास के बहाने रोज पेड़ काटे जा रहे
पर्यावरण प्रेमियों में शामिल डॉक्टर दिलीप वाघेला, एसएल गर्ग, अभय जैन और अजय लागू समेत सभी नेचर्स लवर्स ने बताया कि विकास के नाम पर हुकुमचंद मिल के पेड़ काटे जा रहे हैं जबकि यह पेड़ नहीं, बल्कि शहर के फेफड़े हैं, जो शहर को ऑक्सीजन देते हैं। शहर को लू-लपट से बचाते हैं। विकास के बहाने शहर में हर दिन कहीं न कहीं पेड़ काटे जा रहे हैं। यह विकास नहीं विनाश है।

लगातार हो रहे प्रदर्शन, नहीं सुन रहे जिम्मेदार
हाल ही में साई सत्य चौराहे पर पर फ्लायओवर ब्रिज के लिए पेड़ काटे गए। अभी भी न जाने कितने पेड़ों की बारी है। पर्यावरण प्रेमी शहर के नागरिकों और इसके भविष्य के लिए लगातार पर्यावरण विरोधी नीतियों से संघर्ष करते आ रहे हैं, मगर कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पिछले दिनों रीगल चौराहे पर मानव श्रंखला बना कर विरोध जताया था। हमारी मांग है कि हुकुमचंद मिल ही नहीं सभी मिलों की जमीनों पर सिटी फारेस्ट बनाया जाए।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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