RO.NO. 13207/103
जिलेवार ख़बरें

छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने बड़ा अभियान शुरू

जगदलपुर

छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर माओवादियों के विरुद्ध चल रही निर्णायक लड़ाई को अंतिम परिणाम तक पहुंचाने के लिए सुरक्षा बल इलाके में नवीन सुरक्षा शिविर (एफओबी) तैयार करेंगे।

माओवादियों के सबसे सुरक्षित आश्रय स्थल कर्रेगुट्टा तक पहुंचने के बाद अब यहां कई एफओबी खोलकर तेलंगाना सीमा को माओवादियों के लिए पूरी तरह से बंद करने की तैयारी की जा रही है।

इधर, लगातार आठवें दिन भी सुरक्षा बल के जवानों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर अभियान जारी रखते हुए पहले दिन से तैनात जवानों को आराम देने का निर्णय लेते हुए उनकी जगह नए जवानों की तैनाती की गई है।

क्सलियों के खिलाफ चल रहे सबसे बड़े ऑपरेशन को छत्तीसगढ़ की फोर्स अकेले ही हैंडल कर रही है। हालांकि केंद्र से CRPF का सपोर्ट है लेकिन तेलंगाना अब इस पर बैकफुट पर दिख रही है। तेलंगाना में अब बड़े नेता शांति वार्ता के पक्ष में खुलकर बोल रहे हैं।
अब तक कयास लगाए जा रहे थे कि छत्तीसगढ़ के अलावा तेलंगाना और महाराष्ट्र से भी फोर्स कर्रेगुट्टा के पहाड़ को घेर रही है। ऑपरेशन करीब 7 दिन से चल रहा है। कुछ जवान जब ऑपरेशन के पांचवें-छठवें दिन मौके से लौटे तब ऑपरेशन से जुड़ी और जानकारी बाहर आई। पता चला कि, इस ऑपरेशन में सिर्फ छत्तीसगढ़ की ही फोर्स है।

छत्तीसगढ़ में बस्तर के IG सुंदरराज पी ने इस नक्सल ऑपरेशन को निर्णायक जंग बताया था। अब आपको बताते हैं तेलंगाना में इसे लेकर कैसा माहौल है और राजनेताओं का क्या रुख है?

अभियान अंतिम परिणाम आने तक चलता रहेगा

इससे स्पष्ट है कि माओवादियों के विरुद्ध सुरक्षा बलों का यह अभियान अंतिम परिणाम मिलने तक चलता रहेगा। बस्तर में माओवादियों के सबसे मजबूत ठिकाने तक शनिवार को फोर्स के जवान पहुंच गए थे। इसके बाद से लगातार पहाड़ी पर सर्चिंग जारी है।

इस बीच जवानों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी से अब तक 150 से अधिक इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) व माओवादियों के दर्जनों बंकर भी ढहा दिए हैं। 45 से 48 डिग्री तापमान के बीच अभियान कर रहे जवानों को चोटी पर पानी का एक प्राकृतिक सोता भी मिला है, इससे भी जवानों का हौसला बढ़ा है।

तेलंगाना सीमा पर निर्णायक बढ़त

छत्तीसगढ़ व तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा की पहाड़ी लंबे समय से माओवादियों का ठिकाना हुआ करती थी, वहां आठ दिन से चल रहे अभियान के बाद सुरक्षा बलों ने निर्णायक बढ़़त बना ली है। बीते चार दशक से कर्रेगुट्टा की खड़ी चढ़ाई के कारण इस पहाड़ी शृंखला तक पहुंचने में सुरक्षा बल को कभी कामयाबी नहीं मिली थी, पर अब वहां भी फोर्स पहुंच चुकी है।

बस्तर में माओवादियों क्षेत्रों में लगातार एफओबी की स्थापना से एक-एक कर माओवादियों के गढ़ छिनते चले गए। इसके बाद यह सूचना मिल रही थी कि माओवादी संगठन दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी), तेलंगाना स्टेट कमेटी (टीएससी) व बटालियन नंबर एक के शीर्ष नक्सलियों ने कर्रेगुट्टा को अपना सुरक्षित ठिकाना बनाए हुए हैं।

10 हजार से अधिक जवानों ने कर्रेगुट्टा की पहाड़ी को घेरा

आठ दिन पहले माओवादियों के विरुद्ध सुरक्षा बलों की ओर से एक निर्णायक लड़ाई छेड़ी गई। दस हजार से अधिक जवानों ने कर्रेगुट्टा की पहाड़ी को घेर लिया। पहली बार 12 किमी की चढ़ाई कर जवान पहाड़ के ऊपर तक पहुंचने में सफल रहे। इस अभेद्य कुर्रेगुटा की पहाड़ी शृंखलाओं के बड़े हिस्से पर सुरक्षा बल ने कब्जा कर लिया है।

जवान एक सप्ताह से यहां के चप्पे-चप्पे की छानबीन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस पहाड़़ी पर कई एफओबी स्थापित किए जाएंगे, जिसके बाद ढाई सौ वर्ग किमी की यह पहाड़ी शृंखला माओवादियों के लिए सुरक्षित नहीं रह जाएगी।

तेलंगाना में राजनीति शुरू

नक्सल ऑपरेशन को लेकर तेलंगाना में राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व CM के. चंद्रशेखर राव ने इस ऑपरेशन को गलत ठहराया है। उन्होंने केंद्र से माओवादियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन कगार’ को रोकने का आग्रह किया है।

तेलंगाना स्टेट गवर्नमेंट भी एक्शन मोड पर नहीं

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद का खात्मा करने का संकल्प लिया है। छत्तीसगढ़ में भी BJP की सरकार है। जबकि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है। यहां विपक्ष में भी लोकल पार्टी BRS है। यही वजह है कि नक्सल ऑपरेशन को लेकर तेलंगाना स्टेट गवर्नमेंट एक्शन मोड पर नहीं है।

ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि, इस इलाके को घेरने के लिए तेलंगाना की लोकल पुलिस को एक्टिव ही नहीं किया गया। जबकि जहां नक्सल ऑपरेशन चल रहा है, वहां का लगभग 40 से 50 प्रतिशत हिस्सा तेलंगाना में ही है।

शांतिवार्ता समिति ने CM से की मुलाकात

छत्तीसगढ़ की फोर्स ने नक्सलियों के टॉप कैडर्स को पिछले 8 दिनों से घेर रखा है। जवान लगातार पहाड़ की चढ़ाई चढ़ रहे हैं। बड़े कैडर्स फंस चुके हैं। वहीं तेलंगाना में शांति वार्ता समिति के दुर्गा प्रसाद, प्रोफेसर हरगोपाल, प्रोफेसर अनवर खान और संयोजक न्यायमूर्ति चंद्रकुमार समेत अन्य सदस्यों ने तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी से बातचीत की है।

इसमें शांति वार्ता के लिए पहल करने और ऑपरेशन रुकवाने पर जोर दिया है। समिति के सदस्यों ने इस बैठक में मुख्यमंत्री से कर्रेगुट्टा में युद्ध विराम के लिए केंद्र पर दबाव डालने को कहा है। रेड्डी ने भी आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए जना रेड्डी से मिलेंगे।

तेलंगाना में राजनीति शुरू

नक्सल ऑपरेशन को लेकर तेलंगाना में राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व CM के. चंद्रशेखर राव ने इस ऑपरेशन को गलत ठहराया है। उन्होंने केंद्र से माओवादियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन कगार’ को रोकने का आग्रह किया है।

तेलंगाना स्टेट गवर्नमेंट भी एक्शन मोड पर नहीं

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद का खात्मा करने का संकल्प लिया है। छत्तीसगढ़ में भी BJP की सरकार है। जबकि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है। यहां विपक्ष में भी लोकल पार्टी BRS है। यही वजह है कि नक्सल ऑपरेशन को लेकर तेलंगाना स्टेट गवर्नमेंट एक्शन मोड पर नहीं है।

ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि, इस इलाके को घेरने के लिए तेलंगाना की लोकल पुलिस को एक्टिव ही नहीं किया गया। जबकि जहां नक्सल ऑपरेशन चल रहा है, वहां का लगभग 40 से 50 प्रतिशत हिस्सा तेलंगाना में ही है।

शांतिवार्ता समिति ने CM से की मुलाकात

छत्तीसगढ़ की फोर्स ने नक्सलियों के टॉप कैडर्स को पिछले 8 दिनों से घेर रखा है। जवान लगातार पहाड़ की चढ़ाई चढ़ रहे हैं। बड़े कैडर्स फंस चुके हैं। वहीं तेलंगाना में शांति वार्ता समिति के दुर्गा प्रसाद, प्रोफेसर हरगोपाल, प्रोफेसर अनवर खान और संयोजक न्यायमूर्ति चंद्रकुमार समेत अन्य सदस्यों ने तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी से बातचीत की है।

इसमें शांति वार्ता के लिए पहल करने और ऑपरेशन रुकवाने पर जोर दिया है। समिति के सदस्यों ने इस बैठक में मुख्यमंत्री से कर्रेगुट्टा में युद्ध विराम के लिए केंद्र पर दबाव डालने को कहा है। रेड्डी ने भी आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए जना रेड्डी से मिलेंगे।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button