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हाफिज सईद की पाकिस्तान ने सिक्योरिटी बढ़ाई, भारत के बड़े ऐक्शन का डर

लाहौर

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है। पाकिस्तान भारत को गीदड़भभकियां दे रहा है। उसे डर है कि भारत उरी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक की तरह ही कोई बड़ा एक्शन ले सकता है। इसके चलते पाकिस्तान में युद्धाभ्यास से लेकर वायुसेना की गश्ती बढ़ाने की खबरें हैं। इस बीच खबरें हैं कि पाकिस्तान ने आतंक के सरगना लश्कर-ए-तैय्यबा के चीफ हाफिज सईद की सुरक्षा भी बढ़ाई है।

रिपोर्ट बताती है कि आईएसआई और पाकिस्तान सरकार ने भारत के सीक्रेट ऑपरेशन के डर से हाफिज सईद की सुरक्षा में इजाफा किया है। सूत्रों के मुताबिक उसे स्पेशल सर्विस ग्रुप के पूर्व कमांडोज की सिक्योरिटी में रखा गया है। इतना ही नहीं, उसे जानबूझकर घनी आबादी वाले इलाके में रखा गया है, जहां मस्जिद और मदरसे सभी हैं। इसके अलावा लाहौर के मोहल्ला जोहर सहित आतंकी चीफ के सभी घरों पर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है।

सिक्योरिटी के लिए लगाए गए हाई लेवल कैमरे

हाफिज की सिक्योरिटी के लिए उसकी लोकेशन के एक किलोमीटर के दायरे में इशारा पहचानने वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जिससे वहां परिंदा भी पर न मार सके। लश्कर और जमात उद दावा का चीफ अमेरिका और भारत में बड़ी आतंकी हमलों को अंजाम देने में अहम कड़ी रहा है। इसमें मुबंई का 26/11 हमला भी शामिल है।

बिश्नोई गैंग ने खाई हाफिज सईद को मारने की कसम

ध्यान देने वाली बात यह भी है कि लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट ने बुधवार को पहलगाम में नागरिकों की हत्या का बदला लेने की कसम खाई है। बिश्नोई गैंग ने हाफिज सईद की एक फोटो अटैच करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर धमकी दी जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान के इस बेहद कीमती व्यक्ति को निशाना बनाया जाएगा।

इलाके में ड्रोन उड़ाने पर बैन

सुरक्षा उपायों के तहत पूरे इलाके में ड्रोन उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और 4 किलोमीटर के दायरे में हाई-रिजॉल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इसके अलावा, सड़कों पर सुरक्षा बलों की गश्त बढ़ा दी गई है और किसी भी आम नागरिक को सईद के आवास के पास आने की अनुमति नहीं है. बताया जा रहा है कि ड्रोन निगरानी से भी इलाके पर लगातार नजर रखी जा रही है.
हमले के पीछे हाफिज सईद का हाथ!

जानकारी के मुताबिक, यह सुरक्षा प्रबंध पहलगाम हमले के तुरंत बाद लागू किए गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) नामक संगठन ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ माना जाता है. भले ही TRF ने औपचारिक रूप से हमले की जिम्मेदारी ली हो, लेकिन भारतीय एजेंसियों का मानना है कि इस हमले की योजना में हाफिज सईद की प्रमुख भूमिका थी.
हाफिज सईद पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी हाफिज सईद पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित है, बावजूद इसके वह पाकिस्तान में खुला घूमता रहा है. उसका आवास किसी छिपे ठिकाने में नहीं बल्कि लाहौर जैसे भीड़-भाड़ वाले शहर के केंद्र में है. वर्ष 2021 में सईद के घर के पास हुए कार बम धमाके के बाद से उसकी सुरक्षा बढ़ाई जाती रही है. हाल ही में उसके करीबी सहयोगी अबू क़ताल की हत्या के बाद एक बार फिर सुरक्षा उपायों की समीक्षा की गई और उसे और सख्त किया गया.

यह घटनाक्रम भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण कूटनीतिक संबंधों को और जटिल बना सकता है. सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सईद को मिली यह अभूतपूर्व सुरक्षा, पाकिस्तान की दोहरी नीति और आतंकवाद के प्रति नरम रुख को उजागर करती है.

हाफिज सईद पाकिस्तान सरकार की तथाकथित हिरासत में है। सात आतंकी फंडिग मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 46 साल की सजा काट रहा है। 7 अप्रैल 2022 के एक आदेश में हाफिज सईद को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में उसे 31 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

2019 के कागजों में गिरफ्तार दिखाया गया। सईद पहले से ही 2020 में दिए गए समान आरोपों पर 15 साल सजा काट रहा था। अदालत सजाएं एक साथ चलाने का आदेश दिया लेकिन कहा जाता है कि वह आराम से हाई सिक्योरिटी में लग्जरी लाइफ स्टाइल के मजे ले रहा है।

पाकिस्तान में जेल की सजा काट रहा है हाफिज सईद

रिपोर्ट के अनुसार, सईद फिलहाल दस्तावेजों में जेल में हैं और उसके घर को उपजेल में बदल दिया गया है। सूत्रों ने अखबार को बताया कि एक किमी के रेडियस में गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं, जिनकी निगरानी कंट्रोल रूम के जरिए की जा रही है। आतंकवादियों को फंडिंग करने के 7 मामलों में सईद दोषी साबित हुई है। उसे 46 साल की जेल की सजा हुई है
कहां है हाफिज सईद

खबर है कि बीते तीन सालों में दो दर्जन से ज्यादा बार सार्वजनिक रूप से सामने आ चुका है। उस दौरान वह सुरक्षा घेरे में रहता है, जिसमें SSG के पूर्व कमांडो शामिल होते हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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