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सिंगाजी-पीथमपुर 400 के.व्‍ही. लाइन के लंबित ओ.पी.जी.डब्ल्यू. कार्य पूर्ण

सिंगाजी-पीथमपुर 400 के.व्‍ही. लाइन के लंबित ओ.पी.जी.डब्ल्यू. कार्य पूर्ण

एम.पी. ट्रांसको की पहली क्वाडमूस ट्रांसमिशन लाइन हुई आकाशीय बिजली से सुरक्षित
अब तीव्र गति से हो सकेगा डाटा ट्रांसफर

भोपाल

प्रदेश की प्रमुख संत सिंगाजी थर्मल पॉवर हाउस खंडवा-पीथमपुर 400 के.व्‍ही. डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन जल्द प्रारंभ होगी। मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) ने बताया कि लंबे समय से लंबित ओ.पी.जी.डब्ल्यू. (ऑप्टिकल फाइबर ग्राउंड वायर) स्थापित करने का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है। ओ.पी.जी.डब्ल्यू. कार्य को खरगोन जिला प्रशासन के सक्रिय सहयोग से संपन्न किया गया।

इस तकनीकी उपलब्धि से न केवल ट्रांसमिशन लाइन को आकाशीय बिजली से सुरक्षा मिली है, बल्कि इससे उच्च गति के डाटा ट्रांसफर का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। एम.पी. ट्रांसको की अधीक्षण अभियंता श्रीमती नीलम खन्ना ने बताया कि यह कार्य खरगोन जिले की सनावद तहसील के ग्राम सताजाना और कालबरड़ क्षेत्र से गुजरने वाले लगभग 4 किलोमीटर के हिस्से में गंभीर राइट ऑफ वे (आर.ओ.डब्ल्यू.) समस्याओं के चलते पिछले 5 वर्षों से लंबित था।

एम पी ट्रांसको की पहली क्वाडमूस लाइन

एम.पी. ट्रांसको की यह पहली क्वाडमूस कंडक्टर से निर्मित 140 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन है, जिसमें ओ.पी.जी.डब्ल्यू. स्थापना के पश्चात तेज डाटा संचार एवं ट्रांसमिशन प्रणाली के नए आयाम जुड़ गए हैं। इससे स्काडा प्रणाली, सब-स्टेशनों के रिमोट ऑपरेशन, ट्रांसमिशन प्रोटेक्शन और मॉनिटरिंग डेटा अब जी.एस.एम. की बजाय तीव्र और विश्वसनीय फाइबर ऑप्टिक माध्यम से संचरित होंगे। साथ ही इस लाइन में उपलब्ध डार्क फाइबर को संचार कंपनियों को लीज पर भी उपलब्ध कराया जा सकेगा।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.13286/93

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