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डिंडौरी : पिपरिया माल में बॉक्साइट खदान को लेकर विरोध के स्वर मुखर

डिंडौरी

मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले अंतर्गत ग्राम पंचायत पिपरिया माल में बॉक्साइट खदान (bauxite mining) को लेकर विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। खनन कार्य पर ग्राम पंचायत ने अभिमत देते हुए आपत्ति कलेक्टर (खनिज शाखा) को सौंप दिया है। ग्राम पंचायत के माध्यम से दर्ज कराई गई आपत्ति में लगभग एक सैकड़ा ग्रामवासियों के दस्तखत और अंगूठा निशान हैं।

निजी कारोबारी हड़प रहे जमीन- ग्रामीण
केंद्र सरकार की तरफ कराए गए सर्वे में यहां बॉक्साइट सहित अन्य खनिजों की उपलब्धता की जानकारी आई थी, लेकिन यहां ब्लॉक की नीलामी नहीं की गई। जानकारी के बाद निजी खनन कारोबारी सक्रिय हो गए और गांव की जमीनों की खरीद फरोत बड़े पैमाने पर शुरू कर दी है। ग्राम पंचायत के आदिवासी परिवारों ने धोखाधड़ी कर कम कीमत पर और फर्जी तरीके से जमीन खरीदे जाने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की थी।

खनिज कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
भूमि खरीद में गड़बड़ियों की जांच करने और खनिज कारोबारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई थी। इसे लेकर अब तक प्रशासन की तरफ से की गई कार्रवाई को सार्वजनिक नहीं किया गया। ग्राम पंचायत पिपरिया माल ने खनिज शाखा से 15 अप्रैल को जारी पत्र के संदर्भ में अभिमत देते हुए 26 अप्रैल को बॉक्साइट ब्लॉक पिपरिया (ईस्ट ब्लॉक) के खनन पर आपत्ति जताई है।

700 एकड़ से ज्यादा भूमि की खरीदी
खनिज विभाग को दिए गए अभिमत में कहा गया है कि ग्राम पंचायत पिपरिया माल अंर्तगत 700 एकड़ से ज्यादा भूमि की खरीदी हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि 5 प्रतिशत लोगों को ही अपनी भूमि बेचने की सही जानकारी है, जबकि 95 प्रतिशत भूमिस्वामी को गलत जानकारी देकर रजिस्ट्री कराई गई है।

बैगा आदिवासी अशिक्षित है, उन्हें भूमि के मूल्य के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अधिकांश बैगा आदिवासियों को उनके खाते में पैसा जमा कराया जाएगा कह कर उन्हें रजिस्ट्रार कार्यालय ले जाकर भूमि की रजिस्ट्री करा ली गई है। जानकारी के अनुसार किसानों को औने पौने दाम देकर बेसकीमती भूमि की रजिस्ट्री कराने के आरोप लगाए गए हैं।

निरस्त करने प्रस्ताव हुआ था पारित
11 अप्रैल 2025 को ग्राम में विशेष ग्रामसभा आयोजित हुई थी, जिसमें सर्वसमति से बॉक्साइट परियोजना को निरस्त करने प्रस्ताव पारित किया गया है। पिपरिया माल ग्राम पंचायत सीमा क्षेत्र व सीमावर्ती पड़ोसी ग्रामों में बॉक्साइट खनन से जल, जंगल, जमीन और जनजाति जन समुदाय को हानि हुई है। खनन प्रक्रिया से आस-पास का पर्यावरण जीव जंतु जैव विविधता खेती, जड़ी बूटी नष्ट होगीं।

बैगा जनजाति की पंरपरा, रीति रिवाज संस्कृति में भी प्रभाव पड़ेगा। ग्राम पंचायत पिपरिया माल इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए बॉक्साइट खनन निरस्त करने प्रस्ताव पारित किया है। इसकी जानकारी ग्राम पंचायत ने फागूलाल अध्यक्ष पेसा ऐक्ट समिति पिपरिया, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, क्षेत्रीय प्रमुख, संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर को भी प्रेषित की है।

अवैध तरीके से क्रय की जा रही भूमि
बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत पिपरिया माल में 2015 से अवैध तरीक से बैगाओं की भूमि क्रय की जा रही है, जिसमें स्थानीय बजाग के बिचौलियों एवं पटवारी से लेकर भूमि पंजीयक तक सभी ने भूमि रजिस्ट्री में बैगा आदिवासियों को गलत जानकारी देकर अधिकांश रजिस्ट्री की है। भूमि स्वामी विशेष अनुसूचित जनजाति बैगा समुदाय के हैं। साथ ही भूमि पंजीयन में ग्रामसभा का अभिमत भी नहीं लिया गया।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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