RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी का नाम बदला, अब कहलायेगा महर्षि सुश्रुत आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, राज्यपाल ने की घोषणा

जबलपुर
 मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी के द्वितीय दीक्षांत समारोह में आज 32 हजार छात्रों को उपाधि देकर उनका सम्मान किया गया। यूनिवर्सिटी के 76 छात्रों को स्वर्ण पदक भी प्रदान किए गए। मेडिकल यूनिवर्सिटी में आयोजित दीक्षांत समारोह में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल सहित कुलपति और प्रोफेसर मौजूद रहे।

दीक्षांत समारोह के दौरान महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर सेल चिकित्सा के पितामह कहे जाने वाले सुश्रुत संहिता के प्रणेता आचार्य सुश्रुत के नाम पर रखा गया। आज से मेडिकल यूनिवर्सिटी का नाम सुश्रुत विश्वविद्यालय के रूप में पहचाना जाएगा। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय का नाम आचार्य शिवशक्ति के नाम पर रखा गया है जो आने वाले समय में विश्वविद्यालय के छात्रों को काफी प्रेरणा देगा।

श्योपुर और सिंगरौली में जल्द खुलेंगे मेडिकल कॉलेज

डिप्टी सीएम ने मंच से कहा कि श्योपुर और सिंगरौली में जल्द मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के द्वितीय दीक्षांत समारोह में पहुंचे महापौर जगत बहादुर अन्नू ने डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री से जबलपुर को एम्स की सौगात देने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा होगा तो अच्छा हो जाएगा।
दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने 76 छात्रों को गोल्ड मैडल  दिए

कार्यक्रम नेताजी सुभाषचंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र घंटाघर के आडिटोरियम में आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने की। मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, कुलपति डॉ. अशोक खंडेलवाल और कुलसचिव पुष्पराज बघेल मंच पर मौजूद रहे। दीक्षांत समारोह में 76 छात्रों को गोल्ड मैडल राज्यपाल ने दिए। समारोह में 32 हजार छात्रों की उपाधि मान्य की गई ।

कौन थे महर्षि सुश्रुत
आचार्य महर्षि सुश्रुत प्राचीन भारत के एक महान चिकित्सक और शल्य चिकित्सक थे, जिन्हें शल्य चिकित्सा का जनक माना जाता है. उनका जन्म काशी (वाराणसी) में हुआ था और उन्होंने धन्वन्तरि से शिक्षा प्राप्त की थी. उन्होंने शल्य चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी और ‘सुश्रुत संहिताÓ नामक एक महत्वपूर्ण ग्रंथ की रचना की, जो आयुर्वेद चिकित्सा में विशेष स्थान रखता है.

डॉक्टर के रूप में भगवान को देखता हूं : महापौर
महापौर कहा कि व्यक्ति जब आपके पास आता है तो आप में भगवान देखकर आता है वो ऐसा मानता है कि वह अपने उसे भगवान के पास जा रहा है। जो मेरा सर्वस्व ठीक कर देगा और मैं वापस अपने जीवन की मुख्य धारा में आ जाऊंगा। मैं पिछले 8 महीने से एक बड़ी बीमारी से लड़ाई लड़ रहा हूं लगभग जीत चुका हूं डॉक्टर के कारण जीता हूं ईश्वर के आशीर्वाद के कारण जीता हूं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button