राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए विधानसभा चुनाव लड़ेगा, लेकिन भाजपा सीटों के मामले में बराबरी चाहती है

पटना
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए विधानसभा चुनाव लड़ेगा, लेकिन भाजपा इस बार सीटों के मामले में बराबरी चाहती है। स्वास्थ्य कारणों से नीतीश रैलियां कम कर सकते हैं, लेकिन बैनर पोस्टर पर वही छाए रहेंगे। सूत्रोंं के अनुसार भाजपा का मानना है कि सोशल इंजीनियरिंग में आज भी नीतीश कुमार का चेहरा सबसे फिट बैठता है इसलिए इसमें किसी ‘प्रयोग’ से नुकसान हो सकता है। पटना में जदयू कार्यालय के बाहर ’25 से 30, फिर से नीतीश’ के पोस्टर भी लग गए हैं।

भाजपा चाहती है बराबर सीटों पर लड़ना
भाजपा और जदयू 100-100 के आसपास सीटों पर लड़ सकतीं हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए में सीटों के बंटवारे के दौरान कुल 243 में से 115 सीटों के साथ बड़े भाई की भूमिका में लड़ी जदयू को सिर्फ 43 सीटें मिल पाईं थीं, जबकि 110 सीटों पर लड़ी भाजपा 74 जीतने में सफल रही थी। स्ट्राइक रेट के आधार पर ही भाजपा इस बार जदयू के साथ बराबर सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है। पिछली बार चिराग पासवान की लोजपा अलग लड़ी थी, इस बार वह एनडीए का हिस्सा है। ऐसे में सीटों की संख्या का नए सिरे से बंटवारा होगा।

नीतीश बेटे निशांत पर खेल सकते हैं दांव
लालू यादव और रामविलास पासवान ने जिस तरह से उम्र के ढलान पर पर अपने बेटों को विरासत सौंपने से पहले स्थापित करने के लिए उन्हें सक्रिय राजनीति में उतारा, उसी तरह नीतीश कुमार भी इस चुनाव में दांव चल सकते हैं। नीतीश ने अपने 49 साल के बेटे निशांत कुमार को अब तक राजनीति से दूर रखा है। लेकिन, हालिया महीनों में निशांत की सार्वजनिक उपस्थिति और पिता को फिर से सीएम बनाने की बयानबाजी से माना जा रहा है कि वह विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

2020 में सीटों का समझौता
भाजपा- 110 सीट
जदयू- 115 सीट
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा(हम)- 7 सीट
विकासशील इंसान पार्टी(वीआईपी)- 11 सीट

2020 विधानसभा चुनाव परिणाम
एनडीए- 125 सीट
महागठबंधन- 110 सीट
अन्य- 8 सीट

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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