राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

आधार के अनुप्रयोग से सुगम हो रहा सुशासन, खुल रहे नवाचार के नये रास्ते

भोपाल
“AI भारत @ एमपी” कार्यशाला में ‘Deriving Maximum Impact Out of Aadhaar’ विषय पर विशेष सत्र कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, भोपाल में आयोजित किया गया। सत्र में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के प्रतिनिधियों ने आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से सामाजिक कल्याण, नवाचार और ज्ञान (SWIK) आधारित सुशासन को और अधिक प्रभावशाली बनाने के संबंध में जानकारी दी।

UIDAI के उप महानिदेशक श्री आमोद कुमार ने आधार की प्रभावशीलता और राज्यों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने UIDAI की AI आधारित चेहरा प्रमाणीकरण प्रणाली की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली ने आधार सेवा की गतिशीलता बढ़ा दी है। साथ ही लाभार्थी की डाटा सुरक्षा में बढ़ोतरी भी हुई है। UIDAI प्रौद्योगिकी केंद्र, बेंगलुरु के श्री सुमित आनंद ने इस नवीन प्रणाली के तकनीकी पक्षों को विस्तार से समझाया।

भारत सरकार के DBT मिशन के अपर सचिव श्री सौरभ कुमार तिवारी ने बताया कि कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) की व्यावहारिक चुनौतियों को आधार प्रमाणीकरण प्रणाली में आये तकनीकी नवाचारों ने और सुगम बना दिया है।

समापन सत्र को संबोधित करते हुए UIDAI मध्यप्रदेश के निदेशक श्री सुमित मिश्रा ने बताया कि इस तरह की कार्यशालाओं से राज्यों की विशेष आवश्यकताओं का ज्ञान होता है। इन कार्यशालाओं से आधार सेवा प्रणाली को सशक्त बनाने औऱ लाभार्थियों की आवश्यकताओं के अनुरूप और सक्षम बनाने के लिए आवश्यक जानकारियां मिलती हैं। इससे आधार की भूमिका को शासन के हर स्तर पर अधिकतम उपयोगी बनाने में सहायता मिलती है।

कार्य़शाला में स्पष्ट हुआ कि UIDAI के द्वारा उपलब्ध कराई गई “आधार’’ सेवा मात्र पहचान बताने का माध्यम नहीं है। इससे सुशासन और सुगम बनाता है, साथ ही प्रशासन में नवाचारों के लिए नए मार्ग प्रशस्त होते हैं।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.13286/93

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