राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

मध्य प्रदेश समेत देशभर के स्कूलों में अब कोरियन तर्ज पर शिक्षा दी जाएगी

भोपाल
देश के स्कूलों में कोरिया (Korean Education) की तर्ज पर मेकाट्रॉनिक्स शिक्षा (Mechatronics education) दी जाएगी। किताबी पढ़ाई के साथ प्रैक्टिकल नॉलेज पर ज्यादा जोर होगा। यहां उन्हें बताया जाएगा कि इंडस्ट्रीज में किस तरह के नॉलेज की जरूरत होगी। इसके लिए राजधानी में लैब तैयार होगी। इसे स्थापित करने के लिए एनसीईआरटी और कोरिया की एजेंसी के बीच समझौता हुआ है। नई शिक्षा नीति के तहत इस पर काम शुरू किया जा रहा है। नीति में वोकेशनल एजुकेशन को बढ़ावा देने की बात कही गई है। किताबी शिक्षा के साथ ही स्कूली बच्चों को कोई हुनर सिखाया जाना है। वह हुनर कौन सा हो इसके लिए उद्योग और परिवेश को देखते हुए निर्णय होगा।

दो करोड़ की लागत से लैब
मेकाट्रॉनिक्स शिक्षा के लिए राजधानी में दो करोड़ रुपए की लागत से लैब (Korean Lab) तैयार की जाना है। यह लैब कोरिया की एजेंसी बनाएगी। मेकाट्रॉनिक्स शिक्षा यानि कई हुनर का समावेश करने वाली शिक्षा है। इसमें इंडस्ट्रीज से जुड़ी बातें भी शामिल होती हैं।

कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए होगी लागू
अगले साल से यह शुरू होगी। अभी डेमोस्ट्रेशन बेस पर आयोजन होगा। यह कक्षा नौंवी से बारहवीं के स्टूडेंट के लिए हैं। अधिकारियों केे मुताबिक प्रयोग सफल रहा तो देशभर के स्कूलों में शुरुआत होगी।

बच्चों हुनरमंद बनाने शुरू होगी लैब
वोकेशनल एजुकेशन के तहत बच्चों हुनरमंद बनाने लैब शुरू होगी। करीब दो करोड़ की लागत से कोरिया की एजेंसी इसे स्थापित करेंगी। मुय उद्देश्य बच्चों को ऐसे हुनर सिखाना जो उन्हें रोजगार दे सकेंगे। प्रो. विनय स्वरूप मेहरोत्रा, कार्यक्रम समन्वय, केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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