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रायपुर : बीजापुर के पामेड़ में खुली ग्रामीण बैंक की शाखा

रायपुर

बीजापुर का पामेड़, जो कभी माओवादियों की बटालियन नंबर-1 का गढ़ माना जाता था, आज वहां बैंक खुल रहे हैं, कन्या आश्रम बन रहे हैं और लोग खुले मन से सुशासन शिविरों में भाग ले रहे हैं। यह बदला हुआ बस्तर है, आत्मविश्वास, विकास और लोकतंत्र का प्रतीक। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बीजापुर जिले के सुदूरवर्ती और पूर्व में माओवादी प्रभाव से ग्रस्त रहे पामेड़ क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक की शाखा का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री साय ने इसे विकास और विश्वास की नई सुबह बताते हुए कहा कि अब ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाओं के लिए 100 किलोमीटर दूर आवापल्ली नहीं जाना पड़ेगा। यह पहल सरकार के सुशासन और समावेशी विकास के विजन को दर्शाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बैंक शाखा खुलने से पामेड़ और आसपास के 50 गांवों को सीधे लाभ मिलेगा, जहां अब खाता खोलने, पैसा निकालने और महतारी वंदन योजना जैसी योजनाओं की राशि लेने में सुविधा होगी। उन्होंने विशेष रूप से माताओं-बहनों को आश्वस्त किया कि अब उन्हें योजना की राशि के लिए लंबी यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पामेड़ में 50-सीटर आदिवासी कन्या आश्रम का भी लोकार्पण किया,  जिसकी लागत 1.62 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि कन्या आश्रम आने वाले समय में बस्तर की बेटियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़कर नए नेतृत्व के रूप में उभारेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पामेड़ में अब पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की जा रही है, ताकि आसपास के कुपोषित बच्चों को इलाज के लिए भटकना न पड़े। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे बच्चों को समय पर पोषण पुनर्वास केंद्र में लाएं और स्वास्थ्य लाभ लें।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि तालपेरू नदी पर धर्मावरम ब्रिज का निर्माण तेजी से चल रहा है, जिससे अब तेलंगाना के चेरला होकर 200 किलोमीटर लंबा सफर तय करके बीजापुर जाने की बाध्यता समाप्त हो जाएगी। यह पुल न केवल पामेड़ को जोड़ने वाला होगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास का मुख्य द्वार भी बनेगा। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि आवागमन की सुविधा बढ़ाते हुए सरकार ने पामेड़ से बीजापुर के बीच सीधी बस सेवा शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अब सुबह जाकर शाम को लौटना संभव हो गया है। लोगों की दिनचर्या सरल हुई है और व्यापार-सेवा गतिविधियां तेज़ी से बढ़ी हैं।

इस मौके पर सुशासन तिहार के तहत समाधान शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्रीय जनसमस्याओं का त्वरित निराकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान छत्तीसगढ़ में लोगों को उनके द्वार पर प्रशासन देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि सरकार का संकल्प मार्च 2026 तक माओवाद को पूरी तरह समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि हम विकास की यात्रा को रुकने नहीं देंगे।

पामेड़ में ग्रामीण बैंक की शाखा के शुभारंभ कार्यक्रम और वहां आयोजित समाधान शिविर में पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती जानकी कोरसा, कलेक्टर संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव सहित कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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