राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

एम्स से सुभाषनगर तक प्रायोरिटी कॉरिडोर की टेस्टिंग अंतिम चरण में, कमर्शियल रन अक्टूबर से

भोपाल

इंदौर के बाद अब जल्द ही भोपाल में भी मेट्रो का संचालन शुरू होगा. भोपाल में मेट्रो की टेस्टिंग पास हो चुकी है. सभी डॉक्युमेंट्स सब्मिट किए जा चुके हैं. रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) की टीम बुलाई गई है. कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) टीम इंस्पेक्शन करेगी. इंस्पेक्शन के बाद अगर रिपोर्ट ओके हुई तो अक्टूबर में ही भोपाल मेट्रो शुरू हो जाएगी. टीम की तरफ से ‘ओके’ रिपोर्ट मिलने के बाद लोग मेट्रो में सफर कर सकेंगे. मतलब अब सिर्फ इंस्पेक्शन टीम की रिपोर्ट का इंतजार है.

पहली बार 2023 में ट्रायल हुआ

सुभाषनगर और रानीकमलापति के बीच में पहली बार ट्रायल रन हुआ था. यह ट्रायल 3 अक्टूबर 2023 को पहली बार हुआ था. तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाषनगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था. इसके बाद कई दिनों तक टेस्टिंग होती रही. इसमें मेट्रो पास हो गई. भोपाल मेट्रो से जुड़े अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि मेट्रो हर स्टेशन पर 2-2 मिनट के लिए रुकेगी. भोपाल में मेट्रो का पहला रूट एम्स से करोंद तक लगभग 16 किलोमीटर लंबा है.

‘7 साल में DPR बनकर तैयार हुई’

साल 2009 में भोपाल मेट्रो के लिए घोषणा की गई थी. मार्च 2016 में डीपीआर बनकर तैयार हुई. इसमें ही 7 साल लग गए. साल 2018 में पहला वर्क ऑर्डर हुआ था. प्रोजेक्ट की लागत करीब 7, 000 करोड़ रुपये है. चार साल में पूरा होना था. इस हिसाब से हर माह लगभग 145 करोड़ यानी रोज 4.86 करोड़ के काम होना था. टेंडर और वर्क ऑर्डर अलग समय में जारी हुए हैं. इसके बाद भी अतिक्रमण आदि से जो काम रुका है.

इंदौर से मिली शुरुआत, अब बारी भोपाल की
31 मई को इंदौर मेट्रो की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली की और अब उम्मीद जताई जा रही है कि भोपाल के यात्री भी जल्द ही मेट्रो का अनुभव ले सकेंगे। हालांकि, भोपाल में कुछ स्टेशन जैसे एम्स, डीआरएम तिराहा और अलकापुरी पर अभी काम बाकी है, जिसे आगामी महीनों में पूरा किया जाएगा। 3 अक्टूबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेट्रो का पहला ट्रायल रन सुभाषनगर से रानी कमलापति स्टेशन तक किया था। तब से लेकर अब तक लगातार ट्रायल रन और तकनीकी टेस्टिंग जारी है।

सुरक्षा मानकों की सख्त जांच
मेट्रो रेल की सुरक्षा के लिए दो चरणों में निरीक्षण होगा। RDSO के बाद CMRS की टीम ट्रैक, स्टेशन, ट्रेनिंग सिस्टम और सुरक्षा से जुड़े हर छोटे-बड़े पहलू की जांच करेगी। यदि सब कुछ संतोषजनक पाया गया तो फिर मेट्रो संचालन के लिए हरी झंडी मिल जाएगी।

एयरपोर्ट जैसा अनुभव देंगे स्टेशन
भोपाल मेट्रो के स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। यात्रियों को मेट्रो स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी, जिनमें फूड प्लाजा, दुकानें और अन्य सेवाएं शामिल होंगी। इन योजनाओं को विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया जा रहा है।

सुरक्षा मानकों की सख्त जांच
मेट्रो रेल की सुरक्षा के लिए दो चरणों में निरीक्षण होगा। RDSO के बाद CMRS की टीम ट्रैक, स्टेशन, ट्रेनिंग सिस्टम और सुरक्षा से जुड़े हर छोटे-बड़े पहलू की जांच करेगी। यदि सब कुछ संतोषजनक पाया गया तो फिर मेट्रो संचालन के लिए हरी झंडी मिल जाएगी।

एयरपोर्ट जैसा अनुभव देंगे स्टेशन
भोपाल मेट्रो के स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। यात्रियों को मेट्रो स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी, जिनमें फूड प्लाजा, दुकानें और अन्य सेवाएं शामिल होंगी। इन योजनाओं को विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया जा रहा है।

भोपाल में पूर्व सीएम शिवराज ने किया था ट्रायल 3 अक्टूबर 2023 को भोपाल में पहली बार मेट्रो ट्रैक पर दौड़ी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाषनगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था। इसके बाद से ही लगातार टेस्टिंग की जा रही है। मेट्रो सबसे ज्यादा स्पीड 80Km प्रति घंटे से भी दौड़ चुकी है। इतनी ही स्पीड में कॉमर्शियल रन भी होगा। हालांकि, इससे पहले सुरक्षा के तमाम पैमाने जांचें जाएंगे। इसे सीएमआरएस टीम ही जांचेंगी। भोपाल में यह टीम अगले कुछ महीने में आ जाएगी।

भोपाल में इसलिए देरी से कॉमर्शियल रन पिछले साल रेलवे ट्रैक और डीआरएम तिराहे पर दो स्टील ब्रिज भी लॉन्च कर दिए गए थे। वहीं, मार्च में दोनों ब्रिज की लोड टेस्टिंग भी कर ली गई। पहले सुभाषनगर से आरकेएमपी स्टेशनों के बीच ही मेट्रो को चलाने का प्लान था, लेकिन अब यह पूरे 6.22 किमी में दौड़ेगी। चूंकि, अभी स्टेशन में काम बाकी है। इसलिए इसे प्रायोरिटी में न लेते हुए इंदौर में पहले मेट्रो दौड़ाने का प्लान तैयार किया गया। पिछले 6-8 महीने से पूरा फोकस इंदौर पर रहा। छोटे-बड़े काम जल्दी निपटाए गए। इसलिए इंदौर में पहले और भोपाल में बाद में कॉमर्शियल रन होगा।

ये देखेगी सीएमआरएस टीम आरडीएसओ की टीम मेट्रो के संचालन से जुड़े काम देखेगी। इसके बाद मेट्रो रेल सेफ्टी की टीम दो बार पहुंचेंगी। मेट्रो कॉरपोरेशन के अफसरों का कहना है कि कॉमर्शियल रन से पहले सुरक्षा के लिहाज से कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी की टीम जांच करती है। जिसमें वह ट्रैक के नट-बोल्ट तक देखती है, क्योंकि यह मामला आम लोगों की सुरक्षा से जुड़ा होता है। इसलिए हर पैमाने पर जांच होती है।

सबकुछ ठीक मिला तो 'ओके' रिपोर्ट देगी टीम निरीक्षण में यदि सबकुछ पैमाने और सुरक्षा के लिहाज से परफेक्ट मिलता है तो सीएमआरएस की टीम 'ओके' रिपोर्ट देगी। इसके बाद कॉमर्शियल रन की तारीख तय कर दी जाएगी।

6.22 Km लंबा है प्रायोरिटी कॉरिडोर भोपाल में मेट्रो का 6.22 किमी लंबा प्रायोरिटी कॉरिडोर है। अगले कुछ महीनों में कॉमर्शियल रन शुरू करने का प्लान है। इसके बाद जब आप मेट्रो ट्रेन में सफर करने के लिए स्टेशन में एंट्री करेंगे तो आपको ठीक वैसी तस्वीर नजर आएगी, जो किसी एयरपोर्ट के अंदर की होती है। अंदर फूड प्लाजा और कुछ शॉप भी रहेंगी।

जहां से आप खाने-पीने और जरूरत का सामान भी खरीद सकेंगे। इसके लिए मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने तैयारी भी शुरू कर दी है। एक्सपर्ट के जरिए प्लान तैयार कर रहे हैं। ऐसा ही प्लान इंदौर मेट्रो स्टेशनों के लिए भी बनाए जाएंगे।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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