राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

हमीदिया कॉलेज प्रिंसिपल ने एसीएस से की शिकायत, कहा- अजान से पढ़ाई और परीक्षा में होती है दिक्कत

भोपाल
 राजधानी भोपाल में स्थित प्रतिष्ठित हमीदिया महाविद्यालय इन दिनों एक नए विवाद की चपेट में आ गया है। कॉलेज परिसर में स्थित मस्जिद को लेकर छात्रों और फैकल्टी सदस्यों ने सुरक्षा, अनुशासन और पढ़ाई के माहौल पर सवाल खड़े किए हैं। जिसके बाद कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. पुष्पलता चौकसे ने उच्च शिक्षा विभाग के एसीएस अनुपम राजन से इसकी शिकायत की है।  उन्होंने बताया कि कॉलेज के पास बनी मस्जिद में अजान के कारण परीक्षा के दौरान छात्र डिस्टर्ब होते हैं। नीट सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान यह समस्या सामने आई है।

मस्जिद में नमाज के दौरान बाहरी लोगों की आवाजाही 

यहां अध्यनरत छात्रों का भी आरोप है कि मस्जिद में नमाज के दौरान बाहरी लोगों की आवाजाही बढ़ जाती है, जिससे कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था कमजोर होती है और साथ ही क्लासरूम में पढ़ाई और परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्य बाधित होते हैं। उच्च शिक्षा विभाग की वीसी में कॉलेज प्रिंसिपल ने यह मुद्दा उठाया है। 

मजार से भी क्लासरूम तक पहुंचती माइक की आवाजें

कॉलेज के पास एक मजार भी है, जिसे स्थानीय लोग पारिवारिक बता रहे हैं। यहां भी माइक का उपयोग किया जाता है, जिसकी वजह से क्लास के दौरान पढ़ाई में समस्या आती है। प्रिंसिपल ने बताया कि लगातार आने-जाने और तेज आवाज से पढ़ाई का महौल प्रभावित हो रहा है।

कॉलेज जमीन की स्थिति साफ हो तो खेल मैदान बनेगा

प्राचार्य चौकसे ने यह भी बताया कि यदि मजार की विवादित जमीन कॉलेज की पुष्टि होती है, तो उसे खेल मैदान में परिवर्तित करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ वाले त्योहारों पर परिसर की सुरक्षा और अनुशासन को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

कॉलेज कुछ नहीं कर सकता, कार्रवाई शासन का जिम्मा

कॉलेज प्रशासन ने एनसीसी विंग को इस तरफ शिफ्ट किया है, ताकि छात्र कम प्रभावित हों। प्रिंसिपल चौकसे ने स्पष्ट कहा कि कॉलेज प्रशासन केवल समस्याएं उजागर कर सकता है, निर्णय और कार्रवाई का जिम्मा शासन का है।

कॉलेज की ओर खुलता है मस्जिद का गेट 

प्रिंसिपल के अनुसार, मस्जिद का एक गेट कॉलेज की ओर खुलता है, जिससे बाहरी लोगों की आवाजाही बनी रहती है। इससे अनुशासन और सुरक्षा पर असर पड़ता है। उन्होंने प्रशासन से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि मस्जिद कॉलेज की जमीन पर है या नहीं। डॉ. चौकसे का कहना है कि यदि जमीन कॉलेज की है, तो उसे खेल मैदान के रूप में विकसित करने की अनुमति दी जाए।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.13286/93

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button