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रूस में एक महिला कार्यकर्ता को मॉस्को की सैन्य अदालत ने 22 साल की सजा सुनाई

रूस 
रूस में एक महिला कार्यकर्ता को मॉस्को की सैन्य अदालत ने 22 साल की सजा सुनाई है। इनका नाम नादेज्दा रॉसिंस्काया है, जिन्हें नादिन गीजलर के तौर पर भी जाना जाता है। उन्होंने 'आर्मी ऑफ ब्यूटीज' नामक समूह चलाया, जिसने 2022-23 में रूसी नियंत्रण वाले यूक्रेन के हिस्सों में लगभग 25,000 लोगों की मदद की थी। रॉसिंस्काया को फरवरी 2024 में गिरफ्तार किया गया था और उन पर देशद्रोह व आतंकवादी गतिविधियों में सहायता का आरोप लगा। उन्होंने इंस्टाग्राम पर यूक्रेन के अजोव बटालियन के लिए दान मांगने वाला एक पोस्ट शेयर किया था। इसे लेकर भी वह प्रशासन की निगरानी में आ गईं।

रॉसिंस्काया ने इन आरोपों से इनकार किया है। उनके वकील ने कहा कि वह उस पोस्ट की लेखक नहीं थीं। स्वतंत्र रूसी मीडिया आउटलेट मीडियाज़ोना के अनुसार, अभियोजकों ने उनके लिए 27 साल की सजा की मांग की थी। इस पर रॉसिंस्काया ने अदालत से 27 साल और एक दिन की सजा देने की मांग की। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी सजा दार्या ट्रेपोवा से अधिक हो, जिन्हें 2023 में एक युद्ध समर्थक ब्लॉगर की हत्या के लिए बम देने के मामले में सजा दी गई थी। ट्रेपोवा की सजा रूस में किसी महिला को दी गई सबसे लंबी सजा थी।

रूस में आतंकवाद और जासूसी के मुकदमों में तेजी
यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू होने के बाद से रूस में आतंकवाद, जासूसी और विदेशी राज्य के साथ सहयोग के लिए मुकदमों में तेजी आई है। रूसी वकीलों के संगठन पर्वी ओटडेल के अनुसार, 2024 में 359 लोगों को ऐसे अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया। रॉसिंस्काया का मामला रूस में मानवीय कार्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बढ़ते दबाव को दर्शाता है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर लोगों ने आवाज उठाई है और रूसी सरकारी की ओर से महिला कार्यकर्ता के खिलाफ की गई कार्रवाई की निंदा की है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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