शराब घोटाला मामले में ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के बाद किया गिरफ्तार
शराब घोटाले मामले में ईडी ने केजरीवाल को साजिशकर्ता बताया है
दिल्ली-मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है.ईडी ने 21 मार्च की रात को अरविंद केजरीवाल के घर की तलाशी ली और उनसे पूछताछ की. दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट से सीएम केजरीवाल को गिरफ्तारी से राहत नहीं मिली.इसके बाद ही ईडी के 6 से 8 अधिकारी सीएम केजरीवाल के घर पहुंच गए.पूछताछ के बीच ईडी ने अरविंद केजरीवाल और उनके परिवार के फोन रखवा लिए थे.इस बीच अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है.पूछताछ के बाद ईडी ने सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया.इसके पहले 9 बार समन भेजने के बाद भी ईडी के सामने केजरीवाल पेश नंही हुए थे.दसवीं बार ईडी समन लेकर केजरीवाल के घर पहुँच गयी और पूछताछ के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया.शराब घोटाले मामले में ईडी ने केजरीवाल को साजिशकर्ता बताया है.
सुप्रीम के वकील विराग गुप्ता का कहना है कि किसी भी मुख्यमंत्री पर गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा देने की बाध्यता नहीं होती है. दरअसल, कानून की नजर में गिरफ्तारी होना दोष सिद्धि नहीं माना जाता है. लिहाजा, किसी सीएम की गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनसे इस्तीफा नहीं लिया जा सकता है. हालांकि, इसमें यह देखना दिलचस्प होगा कि जेल से सरकार चलाना कितना व्यवाहारिक होगा. साथ ही जेल से सरकार चलाना लोकतांत्रिक परंपराओं के आधार पर कितना सही होगा? वहीं, जेल से सरकार चलाना जेल के नियमों पर काफी निर्भर करेगा.
सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता बताते हैं कि कोई भी मंत्री या मुख्यमंत्री किसी भी मामले में गिरफ्तार होकर जेल जाते हैं तो भी उन पर इस्तीफा देने की बाध्यता नहीं होती है. एक मामले में सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि जनप्रतिनिधि कानून में जेल जाने पर इस्तीफा देने की अनिवार्यता को लेकर कोई प्रावधान नहीं है. भ्रष्टाचार के मामले में में गिरफ्तारी हो सकती है, लेकिन मुकदमा चलाने के लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर की मंजूरी लेनी होगी. वहीं, अगर सजा हो जाती है तो छह साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लग सकती है. वहीं, अगर कोई नेता सिर्फ आरोपी है और जेल में भी है तो सांसद-विधायक का चुनाव लड़ सकता है.
भारतीय संविधान के मुताबिक, देश में केवल राष्ट्रपति और राज्यपाल को कार्यकाल समाप्त होने तक दीवानी व आपराधिक कार्यवाही से छूट मिलती है. वहीं, प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को ये छूट नहीं मिलती है. संविधान के अनुच्छेद-361 के मुताबिक, भारत के राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल अपने आधिकारिक कर्तव्यों को निभाने के दौरान किए गए किसी भी कार्य के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं हैं. वहीं, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को यह कानूनी छूट हासिल नहीं है. लिहाजा, किसी मामले में आरोपी बनाए जाने पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है. हालांकि, कानून कहता है कि किसी मुख्यमंत्री को तभी पद से हटाया जा सकता है, जब उसे मामले में दोषी ठहराया गया हो.अरविन्द केजरीवाल की आज की रात ईडी के लॉकअप में कटेगी.
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा ने कहा कि केजरीवाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ नामक अभियान से की थी। उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए अधिकारियों को तैनात किया जाएगा। उन्होंने जब मौका मिला, तो उन्होंने ऐसा नहीं किया। वह नाटक करने, झूठ बोलने, यू-टर्न लेने और अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करने के लिए जाने जाते हैं।




