राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

एसीबी ने पिछली ‘आप’ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया

नई दिल्ली 
दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने पिछली 'आप' सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मंत्रियों पर उनके कार्यकाल में स्वास्थ्य अवसंरचना परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। एसीबी की ओर से मामला दर्ज किए जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने शुक्रवार को कहा कि पूर्ववर्ती 'आप' सरकार ने भ्रष्टाचार कर दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को नष्ट कर दिया। संदीप दीक्षित ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि एसीबी ने जो मामला दर्ज किया है, उससे उन्हें बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने बार-बार इस बात को उजागर किया है कि आवंटित धन का दुरुपयोग किया गया। इन अस्पतालों की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुई थी। खर्च दोगुना या तिगुना करने के बावजूद 30-40 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हुआ है। कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली के भीतर सरकार 9-10 अस्पताल बनाने वाली थी। लेकिन, एक भी अस्पताल का निर्माण नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य सेवाओं को आम आदमी पार्टी की सरकार ने नष्ट कर दिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि अगर सही ढंग से स्वास्थ्य के घोटाले में जांच हुई तो पूर्व में रही आम आदमी पार्टी सरकार की भ्रष्टाचार पूरी तरह से उजागर हो जाएगी। 'आप' के भ्रष्टाचार के मामलों में अदालत में केस न चलाने पर निराशा व्यक्त की और भाजपा सरकार मंशा पर सवाल उठाए।
एससीओ की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर चीनी रक्षा मंत्री को जानकारी देने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि यह अच्छी बात है। यह जरूरी है कि आतंकी हमले का जिक्र किया जाए। आतंकी गतिविधि जहां भी होगी, उसकी निंदा की जाएगी। रक्षा मंत्री ने जो किया वह ठीक बात है।
हिंदी भाषा विवाद पर एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने कहा कि किसी भी भाषा को नजरअंदाज करना बिल्कुल सही नहीं है। हमारी सभी राष्ट्रीय भाषाएं महत्वपूर्ण हैं, लेकिन आधिकारिक भाषाओं से ज्यादा हमारी मातृभाषाएं या क्षेत्रीय भाषाएं इस देश की विविधता की नींव हैं। वे हमारी संस्कृति और अपील का हिस्सा हैं। उत्तर भारत में आने वाले लोग हिंदी सीखते हैं, दक्षिण भारत जाने वाले लोग वहां की स्थानीय भाषाएं सीखते हैं और पूर्व में जाने वाले लोग वहां बोली जाने वाली भाषाएं सीखते हैं। यही हमारी विविधता में एकता की ताकत है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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